Awaaz Mein Jhar KAR

Author: Prakash
As low as ₹212.50 Regular Price ₹250.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Awaaz Mein Jhar KAR
- +

“प्रकाश एक युवा-कवि आलोचक थे जिन्होंने इस कविता-संग्रह की पाण्डुलिपि स्वयं तैयार की थी और उसे प्रकाशित करने की चेष्टा कर रहे थे। दुर्भाग्य से उन्होंने जनवरी 2016 में आत्महत्या कर ली। यह मरणोपरान्त प्रकाशन इस बात का साक्ष्य है कि प्रकाश एक भाषा-सजग, शिल्प-निपुण कवि थे जिनके लिए भाषा स्वयं खोजने-पाने का एक अनुभव थी, निरा माध्यम भर नहीं। उसमें सूक्ष्म संवेदना है जो आजकल की अधिकतर युवा कविता की तरह सामान्यीकृत अनुभवों से काम नहीं चलाती बल्कि उसे संवेदना को ऐसे अनेक बिम्बों और छवियों से चरितार्थ करती है जो प्राय: परिणति में नहीं प्रक्रिया में होती
है : उसे कहीं पहुँचने की जल्दी नहीं होती और वह धीरज से रास्ता खोजती, तय करती या ज़रूरी लगे तो उसमें भटकती है। मर्म, दृष्टि और ब्योरों के बीच प्रकाश के यहाँ दूरी नहीं है, न ही अलगाव। वे दरअसल उन सभी के बीच गहरे लगाव के शिल्पकार थे। उनका यह दूसरा संग्रह प्रकाशित हो रहा है जिसे इस पुस्तक माला में स्थान देकर हमें सन्तोष है कि एक अच्छे युवा कवि की कुल रचनाएँ हमें सामने लाने का सुयोग मिल रहा है।”

—अशोक वाजपेयी

—‘आमुख’ से

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 103p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Awaaz Mein Jhar KAR
Your Rating
Prakash

Author: Prakash

प्रकाश

जन्म : 11 नवम्बर, 1976; कोलकाता।

हिन्दी साहित्य से स्नातकोत्तर। पंजाबी विश्वविद्यालय, पटियाला से इन्होंने पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की। कविता और आलोचना इनके सृजन-कर्म की प्रमुख विधा रही।

देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में इनकी कविताएँ और वैचारिक आलेख प्रकाशित हुए। प्रकाश का पहला कविता-संग्रह ‘होने की सुगन्ध’ वर्ष 2009 में प्रकाशित हुआ, जिसे भारतीय भाषा परिषद् ने वर्ष 2012 के ‘युवा पुरस्कार’ से सम्मानित किया।

लम्बी अख़बारनवीसी और कुछ प्रकाशन-गृहों से विभिन्न रूपों में सम्बद्धता के बाद आठ वर्षों तक केन्द्रीय हिन्दी संस्थान, आगरा की शोध-पत्रिका 'गवेषणा' से बतौर सहायक सम्पादक जुड़े रहे।

निधन : 23 जनवरी, 2016

Read More
Books by this Author
Back to Top