यह पुस्तक आर्य एवं हड़प्पा सभ्यता का एक गहन अध्ययन है। इसमें प्रो. शर्मा ने आर्यों के मूल स्थान की खोज की कोशिश के साथ-साथ ज़्यादा ज़ोर इन सभ्यताओं के सांस्कृतिक पहलू पर दिया है।
लेखक ने अपने अध्ययन के दौरान इस पुस्तक में आर्य एवं हड़प्पा संस्कृतियों की भिन्नता को दर्शाया है। लेखक का मानना है कि हड़प्पा सभ्यता नगरी है लेकिन वैदिक सभ्यता में नगर का कोई चिह्न नहीं है। कांस्य युग का हड़प्पा सभ्यता में प्रमाण मिलता है। हड़प्पा में लेखन-कला प्रचलित थी लेकिन वैदिक युग में लेखन-कला का कोई प्रमाण नहीं है।
अपनी सूक्ष्म विश्लेषण-दृष्टि और अकाट्य तर्कशक्ति के कारण यह कृति भी लेखक की पूर्व-प्रकाशित अन्य कृतियों की तरह पठनीय और संग्रहणीय होगी, ऐसा हमारा विश्वास है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Publication Year | 2020 |
Edition Year | 2022, Ed. 3rd |
Pages | 124p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 21.5 X 14 X 1 |