Article 15 : Ab Fark Layenge!

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Article 15 : Ab Fark Layenge!
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‘आर्टिकल 15’ एक अलग तरह की अपराध कथा है। उन अपराधों की कहानी, जिनका हिस्सा जाने-अनजाने हम सब हैं। यह फ़िल्म पिछले कुछ सालों में हमारे आसपास घटी कई घटनाओं से प्रभावित है। 

एक दिलचस्प थ्रिलर के रास्ते यह भारत के वर्तमान सामाजिक राजनैतिक हालात की परतें उधेड़ती है, सवाल करती है, रास्ते सुझाती है। भारतीय समाज में फ़र्क़ पैदा करनेवाला सबसे बड़ा कारण 'जाति' आज भी करोड़ों लोगों को अमानवीय ज़िन्‍दगी जीने पर मजबूर करता है, उन्हें कमतर इंसान मानता है। 'सामाजिक व्यवस्था' के नाम पर सदियों से चल रही इस नाइंसाफ़ी के सामने यह फ़िल्म भारत के संविधान को रख देती है और आँखों में आँखें डालकर हम सबसे पूछती है कि और कितने ज़ुल्म करने हैं तुम्हें?

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 160p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1
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Editorial Review

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Anubhav Sinha

Author: Anubhav Sinha

अनुभव सिन्हा

निर्देशक, लेखक और निर्माता अनुभव सिन्हा ने फ़िल्मों के अलावा टीवी के लिए भी काफ़ी काम किया है। 1993 में आया धारावाहिक 'शिकस्त' उनकी आरम्भिक निर्देशकीय कृति थी जिसके पायलट एपिसोड से प्रभावित होकर गुलज़ार ने अपनी एक नज़्म उन्हें भेंट की थी। उन्होंने टीवी के लिए 'सी हॉक्स' का निर्देशन भी किया। 1998-2001 के दौरान उन्होंने लगभग दो सौ म्यूज़िक वीडियोज भी बनाए। बतौर फ़िल्म निर्देशक उन्होंने नए कलाकारों के साथ-साथ बड़े स्टार्स के साथ भी फ़िल्में बनाई हैं जिनमें 'तुम बिन', 'रा-वन' और 'दस' प्रमुख हैं। 2012 में उन्होंने फ़िल्म निर्माण के क्षेत्र में भी क़दम रखा और 'बनारस मीडियावर्क्स' की स्थापना की।

2018 में आई 'मुल्क' उनके करियर का अहम पड़ाव है, जिसे आलोचकों और दर्शकों, दोनों की तरफ़ से काफ़ी प्यार और सम्मान मिला।

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