Aadyabimb Aur Sahityalochan

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प्रोफ़ेसर कृष्णमुरारि मिश्र आधुनिक हिन्दी आलोचना के प्रमुख हस्ताक्षर हैं। हिन्दी में आद्यबिम्बात्मक आलोचना के प्रवर्तन का श्रेय उन्हें प्राप्त है। साहित्यिक कृतियों की संरचनात्मक गहनताओं की व्याख्या और वस्तुनिष्ठ मूल्यांकन के लिए उन्हें विशेष ख्याति मिली है। ‘आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन’ शीर्षक उनका प्रस्तुत ग्रन्थ इस आलोचना के सिद्धान्त और सम्‍प्रयोग से सम्बद्ध है। ग्रन्थ में तीन शीर्षक ग्रंथित हैं—'आद्यबिम्ब', 'आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन : आधार' तथा ' आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन : स्वरूप'।

'आद्यबिम्ब' शीर्षक के अन्तर्गत आद्यबिम्ब की युगीय धारणा का सैद्धान्तिक विवेचन है। इसमें फ़्रायड और युग की धारणाओं के मूलभूत अन्तर का हिन्दी में पहली बार उद्‌घाटन है। साथ ही आद्यबिम्ब की युगीय धारणा का सारभूत आख्यान है जिसमें यौगपत्य के अल्पज्ञात वैज्ञानिक सिद्धान्त की भी चर्चा है। 'आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन : आधार' शीर्षक से मुख्यतया युग के कला-चिन्तन का विवेचन है। आद्यबिम्बात्मक आलोचना की सैद्धान्तिकी के इस विवेचन से सिद्ध है कि युग का कला-चिन्तन हमारे भारतीय साहित्य-चिन्तन के लिए विजातीय नहीं है। वह भारतीय साहित्यशास्त्र के कालसिद्ध निकषों का पोषक है। युग की कलाविषयक धारणाएँ रससिद्धान्त और ध्वनिसिद्धान्त के बहुत निकट हैं। भारतीय काव्यशास्त्र में काव्य-हेतु के रूप में प्रतिभा के जिस स्वरूप की स्थापना की गई है, वह सामूहिक अचेतन की युगीय धारणा के निकट है। सर्जक के व्यक्तित्व की असाधारणता को भारतीय आचार्यों के समान युग ने भी मुक्त कंठ से स्वीकार किया है। भारतीय आचार्यों के समान युग ने भी काव्य की लोकमंगलकारिणी शक्ति पर बल दिया है। उन्होंने सर्जक, भावक और समाज के सन्दर्भ में काव्य के माध्यम से जिस आत्मोपलब्धि का उल्लेख किया है, उसमें आनन्द और लोकमंगल दोनों का समावेश है। 'आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन : स्वरूप' शीर्षक के अन्तर्गत हिन्दी की आद्यबिम्बात्मक आलोचना के स्वरूप की सम्यक् विवृत्ति है।

आशा है, यह ग्रन्थ भी उनके पूर्व प्रकाशित ग्रन्थों की तरह हिन्दी में समादृत होगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 219p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 1
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Krishna Murari Mishra

Author: Krishna Murari Mishra

कृष्णमुरारि मिश्र का जन्म दिसम्बर, 1948 को चन्दौसी, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. और भागलपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट्. की उपाधि प्राप्त की। पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, दिल्ली से अध्यापन आरम्भ किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, अधिष्ठाता कला संकाय और कार्यवाहक कुलपति का दायित्व वहन किया। पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों तथा राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अनगिनत व्याख्यान दिए। कई चयन समितियों और अध्ययन-मंडलों व शोध-समितियों में विशेषज्ञ रहे। अनेक शैक्षिक, साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं की सदस्यता उन्हें प्राप्त हैं।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘आद्यबिम्ब और नई कविता’, ‘आद्यबिम्ब और गोदान’, ‘आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन’, ‘मुक्तिबोध : कविता का आद्यबिम्बत्व’।

उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी की ओर से ‘अखिल भारतीय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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