डॉ. कृष्‍णमुरारि मिश्र हिन्दी आलोचना के एक प्रमुख हस्ताक्षर हैं। साहित्यिक रचनाओं की संरचनात्मक गहनताओं की व्याख्या और वस्तुनिष्ठ मूल्‍यांकन के लिए उन्हें विशेष ख्याति मिली है। 'आद्यबिम्‍ब और नई कविता' तथा 'आद्यबिम्ब और मुक्‍तिबोध की कविता’ उनके पूर्वप्रकाशित पुस्‍तकों को हिन्दी जगत् ने अत्यधिक उत्साहपूर्वक अपनाया है।

'आद्यबिम्ब और गोदान’ पुस्‍तक हिन्दी आलोचना को एक नई दिशा प्रदान करती है। कविता की आद्य बिम्‍बात्मक आलोचना से सम्बन्धित कई पुस्‍तकों का प्रकाशन हिन्दी में हो चुका है, किन्तु कथा साहित्‍य के क्षेत्र में यह प्रथम प्रयास है।

'आद्यबिम्‍ब’ शीर्षक पहले निबन्ध में आद्यबिम्ब की स्वरूप-विवृत्ति के लिये हिन्दी में पहली बार युग के ऊर्जीय दूष्‍टिकोण का सारभूत आख्यान तथा यौगपत्य-सिद्धान्त का संक्षिप्त परिचय है। 'आद्यबिम्ब और उपन्यास’ शीर्षक द्वितीय निबन्ध उपन्यासालोचन के क्षेत्र में आद्यबिम्ब की धारणा के संप्रयोग से सम्बन्धित है। इसमें लेखक ने अनेक महत्‍त्‍वपूर्ण सिद्धान्तों की स्थापना की है जिनसे हिन्दी आलोचना के नए विकास की संभावनाएँ बलवती होती हैं। 'आद्यबिम्ब और गोदान' शीर्षक तीसरे निबन्ध में ‘गोदान' का आद्यबिम्बात्मक अध्ययन है। लेखक ने मुख्यत कथानक, उद्देश्य एवं भाषा के बिम्बत्‍व का गभीर विवेचन किया है।

'गोदान' की संरचनात्मक गहनताओं का यह अध्ययन उसके लगभग सभी विवादास्पद पहलुओं पर नई रोशनी डालता है। निस्‍सन्‍देह, यह पुस्‍तक हिन्दी आलोचना के क्षेत्र में मील का पत्थर है।

 

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1992
Edition Year 1992, Ed. 1st
Pages 139p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
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Krishna Murari Mishra

Author: Krishna Murari Mishra

कृष्णमुरारि मिश्र का जन्म दिसम्बर, 1948 को चन्दौसी, जिला मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से पी-एच.डी. और भागलपुर विश्वविद्यालय से डी.लिट्. की उपाधि प्राप्त की। पी.जी.डी.ए.वी. कॉलेज, दिल्ली से अध्यापन आरम्भ किया। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, अधिष्ठाता कला संकाय और कार्यवाहक कुलपति का दायित्व वहन किया। पुनश्चर्या पाठ्यक्रमों तथा राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में अनगिनत व्याख्यान दिए। कई चयन समितियों और अध्ययन-मंडलों व शोध-समितियों में विशेषज्ञ रहे। अनेक शैक्षिक, साहित्यिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थाओं की सदस्यता उन्हें प्राप्त हैं।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘आद्यबिम्ब और नई कविता’, ‘आद्यबिम्ब और गोदान’, ‘आद्यबिम्ब और साहित्यालोचन’, ‘मुक्तिबोध : कविता का आद्यबिम्बत्व’।

उन्हें मध्य प्रदेश साहित्य अकादमी की ओर से ‘अखिल भारतीय आचार्य रामचन्द्र शुक्ल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।

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