Vyavasayik Vitt

Author: R. K. Pandey
Edition: 2014, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Vyavasayik Vitt

यह निर्विवाद सत्य है कि वित्त मानव जीवन के प्रत्येक पहलू को प्रभावित करता है। वित्त जैसे भौतिक पदार्थ का कुशलतम उपयोग आज के भौतिक जगत की आवश्यकता बन चुकी है। वित्त का व्यावसायिक प्रयोग उद्यमिता विकास एवं राष्ट्र की प्रगति हेतु परमावश्यक होता है। वर्तमान वैश्वीकरण, निजीकरण एवं उदारीकरण के दौर में बढ़ती गलाकाट प्रतिस्पर्द्धा जहाँ हमें प्रतिस्पर्द्धा में प्रतिभाग हेतु चुनौती प्रदान करती है, वही उद्यमहीनता की दशा में सर्वनाश का मार्ग भी दिखाती है। वर्तमान अर्थव्यवस्था ‘करो या मरो’ के सिद्धान्त पर संचालित है। ‘व्यावसायिक वित्त’ के लेखन में वर्तमान वैश्विक परिवेश के अनुकूल ज्ञानार्जन हेतु प्रयास किया गया है।

पुस्तक में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, नई दिल्ली द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम को समाहित करने का प्रयास किया गया है। पुस्तक में दीर्घ उत्तरीय, लघु उत्तरीय, वस्तुनिष्ठ एवं व्यावहारिक प्रश्नों का समावेश करते हुए पर्याप्त मात्रा में उदाहरणों द्वारा विषय को सरल, सुग्राह्य एवं रोचक बनाने का प्रयास किया गया है। पुस्तक की सार्थकता का परीक्षण, पाठकगण, छात्र, छात्राएँ वित्त एवं प्रबन्ध विशेषज्ञ तथा विद्वान शिक्षक अवश्य करेंगे।

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Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2014
Edition Year 2014, Ed. 1st
Pages 368p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 24.5 X 18.5 X 2
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Author: R. K. Pandey

आर.के. पाण्डे

शिक्षा : एम.कॉम., डी.फ़िल्.।

कार्य : प्राचार्य, राजकीय महाविद्यालय, मानिकपुर, चित्रकूट।

प्रमुख कृति : ‘वित्‍तीय प्रबन्‍धन’।

 

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