Vishva Kavi Ravindranath

Literary Criticism
As low as ₹276.50 Regular Price ₹395.00
You Save 30%
In stock
Only %1 left
SKU
Vishva Kavi Ravindranath
- +

‘आमि ढालिबो करुणा-धारा

आमि भांगिबो पाषाण-कारा

आमि जगत् प्लाबिया बेड़ाबो गहिया

आकुल पागोल पारा’।

(मैं बहाऊँगा करुणा-धारा

मैं तोड़ूँगा पाषाण-कारा

मैं संसार को प्लावित कर घूमूँगा गाता हुआ

व्याकुल पागल की तरह)।

—रवीन्द्रनाथ

 

करुणाधारा से प्लावित वह विशाल साहित्य जिसके सृजनकर्ता थे रवीन्द्रनाथ, ‘रवीन्द्र-साहित्य’ के नाम से विख्यात है और आज भी मनुष्य के हर विषम परिस्थिति में उसे सटीक पथ की दिशा देता है, निरन्तर कठिनाइयों से जूझते रहने की प्रेरणा देता है, मनुष्यत्व के लक्ष्य की ओर अग्रसर होने की इच्छा को बलवती बनाता है। ‘रवीन्द्र-साहित्य’ सागर में एक बार जो अवगाहन करता है, वह बहता ही जाता है, डूबता ही जाता है, पर किनारा नहीं मिलता—ऐसा विराट-विशाल जलधि है वह।    

—इसी पुस्तक से

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2019
Edition Year 2019, 1st Ed.
Pages 112p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Vishva Kavi Ravindranath
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Soma Bandyopadhyay

Author: Soma Bandyopadhyay

सोमा बन्द्योपाध्याय

पूर्व निदेशक, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ़ सोशल वेलफ़ेयर एंड बिजनेस मैनेजमेंट, कोलकाता; पूर्व कुलसचिव, कलकत्ता विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल; पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, कलकत्ता विश्वविद्यालय।

प्रकाशन : 22 किताबें हिन्दी, अंग्रेज़ी और बांग्ला भाषाओं में प्रकाशित। कहानियाँ, लेख, साक्षात्कार और अन्य विधाओं की कई रचनाएँ राष्ट्रीय स्तर के अग्रणी पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय सम्मेलनों, संगोष्ठियों और कार्यशालाओं में सक्रिय रूप से वक्तव्य एवं आलेख पाठ।

पुरस्कार : ‘साहित्य अकादेमी का अनुवाद पुरस्कार’ (2013), ‘प्रयाग साहित्य सम्मेलन सम्मान’ (2013), ‘मीरा स्मृति संस्थान द्वारा सम्मानित’ (2014), सन्मार्ग द्वारा ‘अपराजिता सम्मान’ (शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए) (2016)।

यात्रा : साहित्य अकादेमी द्वारा प्रायोजित लेखकों के भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य के रूप में चीन और दक्षिण अफ्रीका का दौरा।

सम्प्रति : वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ़ टीचर्स ट्रेनिंग, एज्युकेशन प्लानिंग एंड एडमिनिस्ट्रेशन के कुलपति पद पर कार्यरत।

Read More
Books by this Author

Back to Top