Tulsi : Mulyankan-Text Book

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Tulsi : Mulyankan-Text Book

प्रस्तुत मूल्यांकनमाला हिन्दी के विशिष्ट और श्रेष्ठ आलोचकों द्वारा लिखी गई सामग्री का एकत्र महत्वपूर्ण संकलन है जो रचनाकार और उसकी कृतियों का अनेक कोणों से एक समग्र और वैज्ञानिक विश्लेषण प्रस्तुत करता है। हिन्दी साहित्य के अध्येताओं, आलोचकों और विद्यार्थियों के लिए यह सामग्री पुस्तकाकार संपादित प्रकाशित होकर सामने आ रही है।

तुलसीदास विश्व के श्रेष्ठतम कवियों में हैं। अपने ग्रंथों के माध्यम से उन्होंने भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को ही नहीं सामाजिक मूल्यों को भी सम्प्रेषित किया है। अनुभव की अद्वितीयता और भाषा की सरलता की दृष्टि से रामचरितमानस उनके कवि व्यक्तित्व को राष्ट्रीय व्यक्तित्व में बदल देता है। उनकी विनम्रता ही उनकी महानता का प्रमाण है। अपने समकालीन साहित्य के प्रति अति सजग तुलसी, लोकजीवन से प्राप्त अनुभव को सामान्यीकृत करके जनता के सलाहकार बन गये हैं।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Isbn 10 L-T-TULSI
Publication Year 1976
Edition Year 2013, Ed. 3rd
Pages 273p
Price ₹125.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21 X 14 X 1
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Author: Rammurti Tripathi

राममूर्ति त्रिपाठी

जन्म : 4 जनवरी, 1929; जन्म-स्थान : नीवी कलाँ, वाराणसी (उ.प्र.)।

शिक्षा : काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से एम.ए., पीएच.डी.; साहित्याचार्य, साहित्यरत्न।

काव्यशास्त्र एवं दर्शन के प्रकांड पंडित। हिन्दी विभाग, विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन के प्रोफ़ेसर एवं अध्यक्ष-पद से सेवानिवृत्त।

प्रकाशित प्रमुख कृतियाँ : ‘व्यंजना और नवीन कविता’, ‘भारतीय साहित्य दर्शन’, ‘औचित्य विमर्श’, ‘रस विमर्श’, ‘साहित्यशास्त्र के प्रमुख पक्ष’, ‘लक्षणा और उसका हिन्दी काव्य में प्रसार’, ‘रहस्यवाद’, ‘काव्यालंकार सार संग्रह और लघु वृत्ति की (भूमिका सहित) विस्तृत व्याख्या’, ‘नृसिंह चम्पू’ (व्याख्या), ‘हिन्दी साहित्य का इतिहास’, ‘कामायनी : काव्य, कला और दर्शन’, ‘आधुनिक कला और दर्शन’, ‘भारतीय काव्यशास्त्र के नए क्षितिज’, ‘भारतीय काव्यशास्त्र के नए सन्दर्भ’, ‘भारतीय काव्यशास्त्र : नई व्याख्या’, ‘तंत्र और संत’, ‘आगम और तुलसी’, ‘रस सिद्धान्त : नए सन्दर्भ’ (प्रस्तोता के रूप में)।

निधन : 30 मार्च, 2009

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