ब्लॉग-जगत में भाषा के प्रेमियों के बीच अजित वडनेरकर का एक बहुत रसीला ब्लॉग, शब्दों का सफ़र, अर्से से लोकप्रिय रहा है। अजित जी ने आम बोलचाल के शब्दों के रहस्य खोलकर भाषा की अन्तरराष्ट्रीय और संस्करण की जटिल और लम्बी प्रक्रिया से भी पाठकों का परिचय कराया है। इसका पुस्तकाकार प्रकाशन देखना सुखद है।
—मृणाल पाण्डे; वरिष्ठ कथाकार-पत्रकार
अजित वडनेरकर प्रमाण हैं कि हिन्दी रुकेगी नहीं। कम से कम लेकिन रोचक शब्दों में अधिक से अधिक कह देना उनके शब्दों के सफ़र की पहचान है। उनकी छोटी-छोटी ललित लोल रचनाओं में रवानी, प्रवाह, लय का आस्वाद है। सच तो ये है कि यह मानवता के विकास का महासफ़र है।
—अरविन्द कुमार; ख्यात कोशकार
बहुत शोधपरक, उपयोगी और महत्त्वपूर्ण जानकारियाँ। हिन्दी में इतनी संलग्नता के साथ ऐसा परिश्रम करनेवाले विरले ही होंगे। तपस्या कहूँ कि लगन कि साधना....or a passionate pursuit...? Whatever, you are doing a very useful job...kudos! big...big...kudos
—उदय प्रकाश; वरिष्ठ कवि-कथाकार
Language | Hindi |
---|---|
Binding | Hard Back |
Publication Year | 2012 |
Edition Year | 2022, Ed. 4th |
Pages | 376p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 3.5 |