जनसंचार माध्यमों की सबसे बड़ी शक्ति है, संचार भाषा। मीडिया द्वारा प्रसारित भाषा में लक्ष्यीभूत श्रोता, दर्शक, पाठक विभिन्न बौद्धिक स्तरों के होते हैं। जन-माध्यमों का यह प्रयास होता है कि वे भाषिक सम्प्रेषण को सर्व सुलभ बनाएँ। इसके लिए एक-एक शब्द को बड़ी सावधानी के साथ प्रयुक्त करना होता है। यह ध्यान रखना होता है कि उच्चरित भाषा में कितना अन्तराल, कितना आयतन, कितना आरोहावरोह और कितना यति-गति-विधान रखा जाए। इन जन-माध्यमों की अपनी अलग-अलग भाषिक प्रोक्तियाँ होती हैं। अख़बार भरसक जन-भाषा का प्रयोग करता है, रेडियो उसे ‘विजुअल’ बनाने का प्रयास करता है और टेलीविज़न दृश्य भाषा का पूरी क्षमता के साथ निर्वाह करता है।

इधर कम्प्यूटर, इंटरनेट, मोबाइल आदि ने भाषा के नए-नए रूप निकाले हैं। इन्हें समझने के लिए भाषा प्रौद्योगिकी का संज्ञान प्राप्त करना आवश्यक है। इसके लिए अपेक्षित है—अनुवाद कला का अभ्यास, डबिंग, दुभाषिया प्रविधि और वाचिक कलाओं की जानकारी, कमेंट्री, उद्घोषणा तथा संचालन की सफलता पूर्णत: भाषिक उच्चारण और लहज़े पर निर्भर होती है। समाचार, फ़ीचर, ध्वनि नाटक, संवाद, वार्त्ता, वृत्तचित्र, रिपोर्ताज़ आदि विधाएँ मूलत: भाषिक प्रयोगों पर निर्भर होती हैं।

संचार भाषा में सर्वाधिक ध्यान दिया जाता है शब्द संवेदना पर। उसी के सहारे विज्ञापन के नारे इतने हृदयस्पर्शी सिद्ध होते हैं।

इस कृति में प्रथम बार संचार भाषा रूप में हिन्दी का अनुप्रयोग स्पष्ट किया गया है। कहना न होगा कि यह कृति प्रत्येक संचारकर्मी के लिए मात्र उपादेय ही नहीं, बल्कि अपरिहार्य है।  

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2012
Edition Year 2012, Ed. 1st
Pages 263p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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You're reviewing:Sanchar Bhasha Hindi
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Author: Dr. Surya Prasad Dixit

सूर्यप्रसाद दीक्षित

जन्म : 6 जुलाई,1938; बन्नावाँ, रायबरेली (उत्तर प्रदेश)।

प्रोफ़ेसर तथा पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय; संस्थापक अध्यक्ष : पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय। दो शोध-प्रबन्ध प्रकाशित ‘छायावादी गद्य’ (पीएच.डी) व ‘व्यावहारिक सौन्दर्यशास्त्र’ (डी.लिट्.)। इनके अतिरिक्त दर्जनों शोधपरक पुस्तकों के रचयिता।

सम्मान : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘दीनदयाल उपाध्याय सम्मान’, हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ‘साहित्य वाचस्पति उपाधि’, इंटरनेशनल सेंटर, कैम्ब्रिज से ‘इंटरनेशनल मैन ऑफ़ दी इयर’, अमेरिकन इन्स्टीट्यूट से ‘डिसटिंगिस्ट परसनालिटी ऑफ़ दी वर्ड’, साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा ‘आथर इन रेजीडेन्स फ़ेलोशिप’, ‘तुलसी अवधश्री सम्मान’ आदि।

ई-मेल : spdixit65@rediffmail.com

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