ग्यारह किस्सों के जरिए, प्रेम की शक्ति और विश्वास की डोर तक पहुँचने वाला यह उपन्यास ‘यूनिक’ है, मुम्बई के निम्न-मध्यवर्गीय जीवन का मिनिएचर बनाते हुए हिन्दी कथा-साहित्य में एक दुर्लभ और विरल पाठकीय अनुभव की सर्जना करता है, राघव और सायरा जैसे दो यादगार किरदारों के जरिए रंग और बदरंग के बीच भावनात्मकता का उदास उत्सव मनाता है और सपनों का ताना-बाना बुनता है। यह सब करते हुए सारंग उपाध्याय का उपन्यास ‘सलाम बॉम्बे व्हाया वर्सोवा डोंगरी’ मुम्बई की आत्मा को एक कड़क कथात्मक सलाम ठोंकता है, वह आत्मा जिसका नाम ‘जिजीविषा’ है। साहित्य की आत्मा का नाम भी दरअसल यही है।
—गीत चतुर्वेदी
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2023, Ed. 1st |
Pages | 144p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 19 X 12 X 1 |