सदरां दा सफ़र खारीयां रातां तों कसैले दिन, सुफनेयां दे निघ तों उडीक दी पीड़, ओसीयां भरीयां ‘तरकालां’ तों हिजर दी हूक निकियां-निकियां उम्मीदां, उडीकां ते गुआचीआं मुस्कुराहटां तों उस ‘किल’ तक दा है जो ऐसी ‘पीड़’ दे गया जिस तों कई जन्मां, रिश्तेयां ते रुतां दे बाद वी निजात नहीं मिली जापदी।

बिट्टू दियां सदरां पता नहीं केहड़े जन्म तों केहड़ा पतझड़ ते केहड़ी बसन्त आपणी पोटली च बन लेआइयां हन।

गल ख़ास एह है कि बिट्टू दी पहली किताब ‘सफ़ीना’ 2009 विच हिन्दुस्तानी दा लड़ फड़ डूंगे उफानी रुहानी समुंदरां च गोते लाउंदी सी। अज उनां समुंदरां ने साडे आले दुआले दी मिट्टी नू गल ला पंजाबी विच गुनीआं सदरां नू साडी झोली पाया ए।

एह मिट्टी दा असर वी है। ते हां जो बिट्टू संधू नू नहीं जाणदे ते सिर्फ़ ‘सफ़ीना’ दी उर्दू हिन्दी विच बुणी महीन कविता नू मणदे हन। उन्हा लई एह ख़ुशख़बरी है कि पंजाबी बिट्टू संधू नू उन्हां दी अम्मी तों मिलया तोहफ़ा है।

पनताली कवितावां विच लखां सदरां करोड़ां सुफनेआं ते अनगिणत सफ़र नामेयां दा एह ज़िक्र ख़ूबसूरत है बिट्टू च रचेया, मिचेया हूबहू उसदे नाल दा, बिलकुल उसदे हाल दा।

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Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2011
Edition Year 2011
Pages 112p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 19 X 18 X 1
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Bittu Sandhu

Author: Bittu Sandhu

बिट्टु संधू

बिट्टु संधू एक सफल इवेन्ट मैनेजमेंट कम्पनी स्ट्राइड्ज़ (STRIDES) की निदेशिका हैं। इस कम्पनी ने बहुत से चैरिटी प्रोग्राम किए हैं जिनमें कारगिल के शहीदों और गुजरात भूकम्प-पीड़‍ितों के लिए धन एकत्रित करने जैसे कार्यक्रम उनके दिल के बहुत क़रीब हैं। इस कम्पनी ने हिन्दी और पंजाबी फ़‍िल्मों के प्रोडक्शन का काम भी किया है।

आकाशवाणी और दूरदर्शन में कई वर्ष तक ख़बरें भी पढ़ती रहीं। आजकल वे डॉक्यूमेन्ट्री फ़‍िल्मों एवं विज्ञापनों के लिए अपनी आवाज़ देती हैं। वे एक सोशल काउंसलर हैं और कई जगहों पर लेक्चर भी देती हैं।

वे म्यूजि़क (सितार) में एम.ए. हैं और कला के प्रति विशेष रुचि रखती हैं।

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