Sonasha

Poetry
Author: Bittu Sandhu
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Sonasha
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ये ज़िन्दगी!

सिर्फ़ एक कहानी कहाँ है?

हादसों की, मुस्कुराहटों की,

कितनी शाखाएँ हैं...

कितने खुले और बन्द दरवाज़े हैं

कुछ भूले बिसरे से, पुराने मखमल में लिपटे,

उम्रों से बन्द पड़े, दराज़ों में मिले गहने हैं।

ये कभी-कभी कुछ ख़ुशबुएँ भी हैं,

जो जाने कौन-सी दिशा से किस सरहद के पार,

किस ज़हन में घुलीं, एक बेपरवाह बादल पर सवार हम तक पहुँच जाती हैं।

सिर्फ़ एक कहानी कहाँ है?

ये लम्हों की झालर है और इस बार

बिट्टु सफ़ीना संधू की इस झालर को नाम मिला है—‘सोनाशा’।

सोनाशा एक अहसास है ज़रा धीमे

ये उतरना इसके पन्नों की दहलीज़ पर

सोनाशा मुस्कुराहट तो ओढ़ती है

ज़रा सा कुरेदो तो ख़ामोश कुछ चीख़ें भी हैं

जो रूह की गुफा से ज़ुबान तक का सफ़र

तय नहीं कर पाती आँखों में तैर ज़रूर जाती है

कुछ अहसास हैं जो मुहब्बत को इश्क़ और इश्क़

को ख़ुदा बना देने का जिगर रखते हैं पर क्या हो

जब कोई ख़ुदा बनने से डर जाये?

जहाँ ख़ुदा से सजदा भी है, शिकवा भी है

सब कुछ समेट कर कुछ कविताएँ हैं

ये बिट्टु सफ़ीना संधू से जन्मी है भी और नहीं भी...क्योंकि अब जो इसे पाल पोसकर बड़ा किया है, क्या पता कौन सी ‘सोनाशा’ आप में से किस में समा जाए।

—बलप्रीत

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 108p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 19 X 18.5 X 1.5
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Editorial Review

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Bittu Sandhu

Author: Bittu Sandhu

बिट्टु संधू

बिट्टु संधू एक सफल इवेन्ट मैनेजमेंट कम्पनी स्ट्राइड्ज़ (STRIDES) की निदेशिका हैं। इस कम्पनी ने बहुत से चैरिटी प्रोग्राम किए हैं जिनमें कारगिल के शहीदों और गुजरात भूकम्प-पीड़‍ितों के लिए धन एकत्रित करने जैसे कार्यक्रम उनके दिल के बहुत क़रीब हैं। इस कम्पनी ने हिन्दी और पंजाबी फ़‍िल्मों के प्रोडक्शन का काम भी किया है।

आकाशवाणी और दूरदर्शन में कई वर्ष तक ख़बरें भी पढ़ती रहीं। आजकल वे डॉक्यूमेन्ट्री फ़‍िल्मों एवं विज्ञापनों के लिए अपनी आवाज़ देती हैं। वे एक सोशल काउंसलर हैं और कई जगहों पर लेक्चर भी देती हैं।

वे म्यूजि़क (सितार) में एम.ए. हैं और कला के प्रति विशेष रुचि रखती हैं।

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