Prithvi Gandhmayi Tum

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Prithvi Gandhmayi Tum
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’पृथ्वी गंधमयी तुम’ एक अलग तरह का यात्रा-वृत्त है जिसमें लेखक ने सिर्फ़ यायावर की आँख से नहीं, समाजशास्त्री और वैश्विक अर्थतंत्र के जानकार की तरह भी चीजों को देखा है। इसमें शामिल पन्द्रह यात्राएँ उस समय की हैं जब दुनिया का रूप-रंग और ढाँचा बदलाव से गुज़र रहा था। साम्यवाद और पूँजीवाद की बहस से निकल कर दुनिया एक नए ढंग की अर्थव्यवस्था  की दिशा में बढ़ रही थी। अमेरिका और चीन, दो बड़ी ताक़तों के रूप में चर्चित हो रहे थे। उदारवाद, निजीकरण और वैश्वीकरण की प्रक्रिया को लेखक ने कई देशों में जाकर समझा और इस यात्रा-वृत्तान्त में दर्ज किया है।

चीन और अमेरिका के साथ जापान, हांगकांग, कैरेबियन देशों, दक्षिण अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया के भारतीय समाज की अन्दरूनी जानकारी भी इस किताब में है और यूरोप के वर्तमान के साथ-साथ उसके अतीत से साक्षात्कार भी।

निस्सन्देह एक बेहद पठनीय और सग्रहणीय किताब!

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 144p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Radhakrishna Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Anurag Chaturvedi

Author: Anurag Chaturvedi

अनुराग चतुर्वेदी

अनुराग चतुर्वेदी का जन्म 11 जून, 1954 को राजस्थान के उदयपुर जिले में हुआ।

उन्होंने  जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से समाजशास्त्र में स्नातकोत्तर डिग्री ली है।

उन्हें पत्रकारिता का खासा अनुभव है। वे ‘धर्मयुग’ (मुम्बई); ‘रविवार’ (कोलकाता); ‘संडे ऑब्जर्वर’ (हिन्दी, मुम्बई) में वरिष्ठ पदों पर रह चुके हैं। वे बी.बी.सी. (हिन्दी) रेडियो के लिए मुम्बई से स्ट्रिंगर और ‘हमारा महानगर’ (सांध्य दैनिक, मुम्बई) के सम्पादक भी रहे।

उन्हें महाराष्ट्र राज्य हिन्दी साहित्य अकादमी और केन्द्रीय सेंसर बोर्ड का सदस्य भी बनाया गया।

‘ह‍ाशिये पर पड़ी दुनिया’ और ‘पड़ाव और मंजिलें’ उनके द्वारा सम्पादित प्रमुख किताबें हैं। उन्होंने विश्व हिन्दी सम्मेलन के लिए ‘स्मारिका’ और ‘विश्व हिन्दी रचना’ (भारतीय सांस्कृतिक परिषद्) का सम्पादन भी किया है।

फिलहाल प्रयोग फाउंडेशन, मुंबई के सचिव के रूप में सामाजिक-राजनीतिक क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ-साथ स्वतंत्र पत्रकारिता और लेखन कर रहे हैं।

मेल : anuragsharma@gmail.com

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