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Pratinidhi Kavitayen : Kumar Ambuj-E-Book

Author: Kumar Ambuj
Edition: 2023, Ed. 4th
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹112.50 Regular Price ₹150.00
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9788126726554-ebook

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1990 के बाद कुमार अंबुज की कविता भाषा, शैली और विषय-वस्तु के स्तर पर इतना लम्‍बा डग भरती है कि उसे ‘क्वांटम जम्प’ ही कहा जा सकता है। उनकी कविताओं में इस देश की राजनीति, समाज और उसके करोड़ों मज़लूम नागरिकों के संकटग्रस्त अस्तित्व की अभिव्यक्ति है। वे सच्चे अर्थों में जनपक्ष, जनवाद और जन-प्रतिबद्धता की रचनाएँ हैं। जनधर्मिता की वेदी पर वे ब्रह्मांड और मानव-अस्तित्व के कई अप्रमेय आयामों और शंकाओं की संकीर्ण बलि भी नहीं देतीं। यह वह कविता है जिसका दृष्टि-सम्‍पन्‍न कला-शिल्प हर स्थावर-जंगम को कविता में बदल देने का सामर्थ्‍य रखता है।

कुमार अंबुज हिन्दी के उन विरले कवियों में से हैं जो स्वयं पर एक वस्तुनिष्ठ संयम और अपनी निर्मिति और अन्तिम परिणाम पर एक ज़ि‍म्‍मेदार गुणवत्ता-दृष्टि रखते हैं। उनकी रचनाओं में एक नैनो-सघनता, एक ठोसपन है। अभिव्यक्ति और भाषा को लेकर ऐसा आत्मानुशासन जो दरअसल एक बहुआयामी नैतिकता और प्रतिबद्धता से उपजता है और आज सर्वव्याप्त हर तरह की नैतिक, बौद्धिक तथा सृजनपरक काहिली, कुपात्रता तथा दलिद्दर के विरुद्ध है, हिन्दी कविता में ही नहीं, अन्य सारी विधाओं में दुष्प्राप्य होता जा रहा है। अंबुज की उपस्थिति मात्र एक उत्कृष्ट सृजनशीलता की नहीं, सख़्त पारसाई की भी है।

—विष्णु खरे (भूमिका से)

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Language Hindi
Binding Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2014
Edition Year 2023, Ed. 4th
Pages 136p
Price ₹150.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 17.5 X 12 X 1
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Kumar Ambuj

Author: Kumar Ambuj

कुमार अम्बुज

जन्म : 13 अप्रैल 1957, ग्राम मँगवार, ज़िला गुना, सम्प्रति निवास-भोपाल (मध्य प्रदेश)। वनस्पति शास्त्र में स्नातकोत्तर। कानून की डिग्री।

प्रकाशित कृतियाँ : अन्य कविता संग्रह : ‘किवाड़’ (1992), ‘क्रूरता’ (1996), ‘अनंतिम’ (1998), ‘अतिक्रमण’ (2002), ‘अमीरी रेखा’ (2011), कविताओं का चयन ‘कवि ने कहा’ (2012)। राजकमल प्रकाशन से ‘प्रतिनिधि कविताएँ’ (2014)। कहानी संग्रह : ‘इच्छाएँ’ (2008)। डायरी और अन्य गद्य की किताब ‘थलचर’ (2016)। वैचारिक आलेखों की पुस्तक ‘मनुष्य का अवकाश’।

'वसुधा' कवितांक-1994 का सम्पादन। गुजरात दंगों पर केन्द्रित पुस्तक क्या हमें चुप रहना चाहिए (2002) का नियोजन एवं सम्पादन। 

हिन्दी कविता के प्रतिनिधि संकलनों एवं कुछ पाठ्यक्रमों में रचनाएँ शामिल। साहित्य की शीर्ष संस्थाओं में काव्यपाठ, बातचीत तथा व्याख्यान। कविताओं के कुछ भारतीय एवं विदेशी भाषाओं में अनुवाद, संकलनों में कविताएँ चयनित। कवि द्वारा भी कुछ चर्चित कवियों की कविताओं के अनुवाद प्रकाशित। 

इधर अपनी प्रिय फ़िल्मों पर नए पाठ के साथ लेखन।

कविता के लिए ‘भारतभूषण अग्रवाल स्मृति पुरस्कार’ (1988), ‘माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार’ (1992), ‘वागीश्वरी पुरस्कार’ (1997), ‘श्रीकांत वर्मा सम्मान’ (1998), ‘गिरिजा कुमार माथुर सम्मान’ (1998), ‘केदार सम्मान’ (2000)। 

ईमेल : kumarambujbpl@gmail.com

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