Pida, Neend Aur Ek Ladki

Author: Prerana Sarwan
Edition: 2013, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Pida, Neend Aur Ek Ladki
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डायरी से :

दु:ख का गर्भपात नहीं होता है। दु:ख सतमासे भी नहीं होते हैं। दु:ख तो सम्पूर्ण रूप से जन्मते हैं जीवन की कोख से, इस विचार मात्र से मेरे भीतर दु:खों की ज्वालामुखी उमड़ पड़ती है। उसी बहते हुए लावे में हैं हज़ारों दु:खों के भ्रूण, जो एक क्षण में पूर्ण रूप से जन्म लेते हैं। जो मेरे पतन के कारण हैं या उन्नति के, मैं नहीं जानती। मैंने स्वयं से बाहर निकलकर कभी कुछ देखने का साहस या प्रयास नहीं किया। मैं भीतर ही भीतर जीवन की खाई को गहरा करने में लगी रहती हूँ। मुझे याद है, मुझे चाँद ने कभी नहीं छुआ लेकिन बन्द कमरों में आकर सूरज की आग मेरी कोमल देह को झुलसाती रही, पीड़ा देती रही।

11 जुलाई, 1999

मेरी प्रत्येक कविता जीवन की प्रत्येक साँस का ऋण चुकाती है। मेरे जाने पर जीवन मुझ पर एहसान या दया की दुहाई न दे। मैं नहीं कहूँगी अपनी व्यथा, पर मेरी कविता जीवन के मुझ पर किए हुए अन्याय की कथा कहेगी। मृत्यु के बाद भी मेरी कविता ख़ामोश नहीं होगी। मेरी कविता की सत्यता से यह जीवन मृत्यु के बाद भी नहीं बच पाएगा।

25 जनवरी, 1999

कितना बचाया पर आज आख़िरकार गिन्नी चिड़िया के एक बच्चे को खा गई। हम क्या कर सकते हैं! ईश्वर ने जीवों की यही नियति निर्धारित की है। उसकी लीला वो ही जाने, चिड़िया जैसी कितनी इच्छाएँ मेरी रोज़ मरती हैं और आँसुओं में बहा दी जाती हैं।

20 मई, 2011

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 124p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1
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Prerana Sarwan

Author: Prerana Sarwan

प्रेरणा सारवान

जन्म : 15 अप्रैल, 1971, अजमेर (राजस्थान)।

प्रमुख कृतियाँ : राजस्थान साहित्य अकादेमी की आर्थिक सहयोग योजना में काव्य-संग्रह ‘मेरे कमरे के तीन कोने’ (2009); ‘101 हाइकु’ (2010); ‘पीड़ा, नींद और एक लड़की’ आदि।

सम्मान : अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन में वर्ष 2002 का ‘युवा प्रतिभा पुरस्कार’, वर्ष 2009 का ‘प्रभावती सम्मान’, हम साथ-साथ हैं, दिल्ली द्वारा ‘युवा प्रतिभा सम्मान’, 20 साहित्यिक संस्थाओं से प्रशस्ति-पत्र आदि।

सम्प्रति : संचालक मदर्स होम प्ले स्कूल, अजमेर। बरेली की अनुसन्धान संस्था की संयुक्त निदेशक, राष्ट्रीय राजभाषा पीठ, इलाहाबाद की उपसलाहकार।

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