Padmavat Ka Anushilan

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Padmavat Ka Anushilan
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पदमावत ने हमारे इतिहास वाड्मय को अत्यधिक प्रभावित किया है। पदमावत का अध्ययन उसके ऐतिहासिक आधार को टटोलते हुए किया गया है। पद्मावत का अनुशीलन पदमावत के ऐतिहासिक आधार', प्रकाशित होने पर संक्षिप्त संस्करण प्रकाशित करने की जरूरत महसूस हुई, जिससे जिन पाठकों को पूरी पदमावत पढ़ने का अवकाश नहीं है, वे भी इस अमर काव्य का रसास्वादन कर सकें। प्रस्तुत संग्रह उसी प्रयास का फल है। पदमावत का यह संक्षिप्त संग्रह प्रस्तुत करने में प्रयत्न किया गया है कि-

 

क. पदमावत के कथानक का सूत्र अटूट बना रहे.

ख. काव्य की दृष्टि से उत्कृष्ट सभी अंशों कासमावेश हो जाय,

ग. पदमावत के सभी पात्रों का चरित्र स्पष्ट हो जाय।

ठेठ अवधी भाषा के माधुर्य और भावों की गम्भीरता की दृष्टि से यह काव्य निराला है। इसके पठन-पाठन का मार्ग कठिनाइयों के कारण अब तक बन्द-सा रहा। एक तो इसकी भाषा पुरानी और ठेठ अवधी, दूसरे भाव भी गूढ़, अतः किसी शुद्ध अच्छे संस्करण के बिना इसके अध्ययन का प्रयास मुश्किल था। पदमावत का अनुशीलन पुस्तक इसी ओर एक प्रयास मात्र है।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1957
Edition Year 2014, Ed. 3rd
Pages 466p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 17.5 X 12.5 X 2.5
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Author: Indra Chandra Narang

इन्द्रचन्द्र नारंग

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