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Nacohus-E-Book

Edition: 2016, Ed 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹149.25 Regular Price ₹199.00
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9788126728411-ebook

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एक दशक पहले, आहत भावनाओं की हिंसक राजनीति के बढ़ते संकट पर टिप्पणी करते हुए, पुरुषोत्तम अग्रवाल ने एक व्यंग्य-लेख में, प्रस्ताव किया था, ‘आहट भावना आयोग का गठन’ कर ही दिया जाए...

अब यह उपन्यास...ज़बान पर लगते जा रहे नित नए तालों की डरावनी ख़बर की पड़ताल करने के साथ ही, सूचना और मनोरंजन के सब तरफ़ पसरते जंजाल में, तकनीकी आतंक तले चेतना के हाशिए पर धकेले जा रहे विवेक की चीत्कार को स्वर देता है यह उपन्यास...

पुरुषोत्तम अग्रवाल का पहला उपन्यास ‘नाकोहस’ नई-नई गढ़ी जा रही वास्तविकता की पड़ताल के लिए गढ़े गए ‘बौनैसर’ और ऐसे अनेक विचारोत्तेजक शब्दों के कारण भी ध्यान खींचता है...

स्वयं ‘नाकोहस’ भी ऐसा ही एक शब्द है...

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2016
Edition Year 2016, Ed 1st
Pages 164p
Price ₹199.00
Publisher Rajkamal Prakashan
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Purushottam Agarwal

Author: Purushottam Agarwal

पुरुषोत्तम अग्रवाल

जन्‍म : 25 अगस्‍त, 1955

पुरुषोत्तम अग्रवाल ने जवाहरलाल नेहरू विश्विद्यालय से 'कबीर की भक्ति का सामाजिक अर्थ’ विषय पर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की और रामजस कॉलेज, दिल्ली तथा जेएनयू में अध्यापन कार्य किया।

प्रकाशित कृतियाँ हैं : 'संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध’, 'तीसरा रुख’, 'विचार का अनन्‍त’, 'शिवदानसिंह चौहान’, 'निज ब्रह्म विचार’, 'कबीर : साखी और सबद’, 'हिन्दी सराय : अस्त्राखान वाया येरेवान’ तथा 'पद्मावत : एन एपिक लव स्टोरी’ (अंग्रेज़ी में)।

उनकी पुस्तक 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय’ भक्ति-सम्बन्धी विमर्श में अनिवार्य ग्रन्थ का दर्जा हासिल कर चुकी है। पिछले कुछ वर्षों में प्रकाशित कहानियाँ जीवन्त और विचारोत्तेजक चर्चा के केन्द्र में रही हैं, जिनमें शामिल हैं, 'चेंग-चुई’, 'चौराहे पर पुतला’, 'पैरघंटी’, 'पान पत्ते की गोठ’ और 'उदासी का कोना’। 'नाकोहस’ उनका पहला और अत्यन्त चर्चित उपन्यास है।

भक्ति-संवेदना, शान्तिपूर्ण सह-अस्तित्व और सांस्कृतिक इतिहास से सम्बद्ध समस्याओं पर आयोजित गोष्ठियों और भाषणमालाओं के लिए अमेरिका, इंग्लैंड, जर्मनी, फ़्रांस, आयरलैंड, नेपाल, श्रीलंका, थाईलैंड, ऑस्ट्रेलिया आदि देशों की यात्राएँ कीं। कैंब्रिज यूनिवर्सिटी और कॉलेज ऑफ़ मेक्सिको में विजिटिंग प्रोफ़ेसर भी रहे।

आलोचना पुस्तक 'तीसरा रुख’ के लिए 1996 में ‘देवीशंकर अवस्थी सम्मान’, 'संस्कृति : वर्चस्व और प्रतिरोध’ के लिए 1997 में मध्य प्रदेश साहित्य परिषद् के ‘मुकुटधर पाण्डेय सम्मान’ तथा 'अकथ कहानी प्रेम की : कबीर की कविता और उनका समय’ के लिए 2001 में राजकमल प्रकाशन के प्रथम ‘राजकमल कृति सम्मान—कबीर, हजारीप्रसाद द्विवेदी पुरस्कार’ से सम्मानित।

राजकमल प्रकाशन की 'भक्ति शृंखला’ के सम्पादक हैं। इसके तहत अभी तक डेविड लोरेंजन की पुस्तक 'निर्गुण संतों के स्वप्न’, जॉन स्टैटन हॉली की 'भक्ति के तीन स्वर’ और डॉ. रमण सिन्हा की पुस्तक 'रामचरितमानस : पाठ : लीला : चित्र : संगीत’ का विस्तृत भूमिकाओं के साथ सम्पादन कर चुके हैं।

एनसीईआरटी की हिन्दी पाठ्य-पुस्तक समिति के मुख्य सलाहकार, भारतीय भाषा केन्द्र, जेएनयू के अध्यक्ष तथा संघ लोक सेवा आयोग के सदस्य भी रह चुके हैं।

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