Media Ka Loktantra

Author: Vineet Kumar
As low as ₹359.10 Regular Price ₹399.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Media Ka Loktantra
- +

इसमें अब कोई सन्देह नहीं रह गया कि भारत का पॉपुलर मीडिया, खासतौर से टीवी, अब वह बिलकुल नहीं कर रहा है जिसकी अपेक्षा हम एक लोकतांत्रिक देश होने के नाते उससे करते हैं। वह कुछ और कर रहा है, और इतने साफ़ ढंग से कर रहा है कि यह भी बिना कोशिश के दिख जाता है कि क्या कर रहा है!

लेकिन देश का हर दर्शक इसे नहीं देख पाता; हमारी जनसंख्या का वह बड़ा हिस्सा, जिसे साक्षर होने के बावजूद शिक्षित नहीं कहा जा सकता, जिसे अपनी समझ का परिष्कार करने के लिए अभी और समय चाहिए था, अधबीच ही उस गोरखधंधे के हत्थे चढ़ गया है जिसे इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विज्ञापन और पीआर एजेंसियों, भाषा के जादूगर विज्ञापन लेखकों, फ़ेक न्यूज़ की फैक्ट्रियों, सच्ची- झूठी समाचार संस्थाओं और सोशल मीडिया के सहारे चला रहा है। दर्शक देशवासियों का यह विशाल हिस्सा आज भी मुद्रित और प्रसारित छवियों/शब्दों को लगभग देववाणी मान लेता है, इसलिए वह मीडिया के उस प्रचार का बहुत आसान शिकार हो जा रहा है, जो प्रचार, जो नैरेटिव न तो उसका है और न उसके हित में है, जिसका उद्देश्य नागरिक को महत अपने काम की चीज बनाना है।

प्रखर मीडिया विश्लेषक और माध्यमों की लोकतांत्रिकता के प्रति गहरे चिन्तित विनीत कुमार की लम्बे समय से प्रतीक्षित यह किताब मीडिया के मौजूदा इस संजाल को अपेक्षित तथ्यों, आँकड़ों, सन्दर्भों, विवरणों और विश्लेषणों से रेशा- रेशा खोल देती है।

इस किताब को पढ़ना आज हर उस व्यक्ति के लिए जरूरी है, जिसे देश, देश के लोगों और लोकतंत्र की सचमुच में चिन्ता है।

More Information
Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2024
Edition Year 2024, Ed. 1st
Pages 328p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Media Ka Loktantra
Your Rating
Vineet Kumar

Author: Vineet Kumar

विनीत कुमार

हिन्‍दी ब्लॉगिंग की दुनिया में लम्बे अरसे से बेहद लोकप्रिय विनीत कुमार ने सोशल मीडिया में अपनी दमदार उपस्थिति के बूते लेखन की पारम्परिक दुनिया में अपने लिए बहुत कम समय में एक ख़ास जगह बनाई है। थोड़े समय के लिए मीडिया से जुड़े, फिर अकादमिक दुनिया में लौट आए विनीत यूनिवर्सिटी कैम्पस से लेकर न्यूज़ चैनलों की अन्‍दरूनी दुनिया तक से अपने लप्रेक का साजो-सामान जुटाते हैं। फ़‍िलहाल इनकी प्रसिद्धि मीडिया-विश्लेषक के रूप में है।

 

Read More
Books by this Author
Back to Top