Markandey Vyaktitva Evam Krititva

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Markandey Vyaktitva Evam Krititva
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मार्कन्डेय आजादी बाद हिन्दी कहानी में चर्चित नाम हैं। वे हिन्दी-उर्दू पट्टी में पूर्वाचल और अवध की सांस्कृतिक विशिष्टता के अप्रतिम रचनाकार हैं। उनकी कहानियों में लोकजीवन अपनी पूरी जीवन्तता में धड़कता है। प्रेमचन्द के बाद हिन्दी कहानी को फिर से गाँव की तरफ मोड़ने का श्रेय मार्कण्डेय को दिया जाता है।

इसमें सामाजिक समस्याओं और ग्रामीण यथार्थ का वर्णन मोहक भाषा में प्रस्तुत हुआ है। भाषा में उत्तर प्रदेश के गाँवों की बोलियों की अधिकता होती है, जिससे कहानी में यथार्थ पृष्ठभूमि का निरुपण होता है। प्रेमचन्द ने जहाँ कहानी को छोड़ा, मार्कण्डेय ने कहानी को वहीं से आगे बढ़ाया और आजादी के बाद के हिन्दी इलाकों के ग्रामीण जीवन का सबसे संजीदा और विश्वसनीय शब्दचित्र प्रस्तुत किया।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 192p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Author: Himangi Tripathi

हिमांगी त्रिपाठी

जन्म : मऊ, चित्रकूट (उत्तर प्रदेश) में 4 अप्रैल, सन् 1988 को

 

शिक्षा : एम.ए. (महामति प्राणनाथ महाविद्यालय, चित्रकूट), नेट, पी-एच.डी. (महात्मा गाँधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय, सतना, मध्य प्रदेश)।

साहित्य-सेवा

विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं व पुस्तकों में लेख प्रकाशित

पुस्तकें स्त्री विमर्श में नयापन, भक्तिकाल का आधुनिक संदर्भ, किसान विमर्श: विविध आयाम, सामाजिक न्याय : साहित्य, संस्कृति एवं संविधान (एक पुनरावलोकन)।

 

पत्रिकाएं - सम्मेलन पत्रिका, प्रसंग, वेदाञ्जलि, अनुसंधान विमर्श, अनभैसाँच पत्रिकाओं में लेख तथा कृति ओर में कविताएँ प्रकाशित।

ई-मेल : vripathi. himangi1989@gmail.com

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