Manush

Author: Haku Shah
As low as ₹297.50 Regular Price ₹350.00
You Save 15%
In stock
Only %1 left
SKU
Manush
- +

आज एक तरफ़ कला और व्यापार का फ़र्क़ धुँधला पड़ता जा रहा है तो दूसरी तरफ़ कला और राजनीति का : कला परोक्ष क्‍यों, प्रत्यक्ष रूप से भी राजनीति हो चली है। ऐसे सन्दर्भ में हकु शाह की आवाज़, उनका रचना-संसार, उनका व्यक्तित्व किसी दूसरी दुनिया की उत्पत्ति प्रतीत होते हैं। हकुभाई की कला न केवल पूरी व गहरी मानवीय संवेदना से उत्पन्न है, बल्कि वह नित नए तरीक़ों से उस सम्बन्ध को दृश्य और ग्राह्य बनाती जाती है।

अपनी लम्बी कला-यात्रा के दौरान, हकुभाई विभिन्‍न रूपों में मिले हैं—कभी गांधी के साथ, कभी

गुमनाम कुम्हारों की संगत में, कभी कलाकारों के साथ स्वर मिलाते हुए। अब शब्दों के रूप में हकुभाई शाह का साक्षात्कार हो रहा है—क्या कहने!

—आलोक राय

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2009, Ed. 1st
Pages 233p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Manush
Your Rating

Author: Haku Shah

हकु शाह

प्रसिद्ध चित्रकार एवं लोकविद्याविद् हकु शाह का जन्म गुजरात में सूरत ज़ि‍ले के गाँव वालोड में 24 मार्च, 1934 को हुआ। उन्‍होंने ललित कला में औपचारिक शिक्षा ली और सन् 1959 में बड़ौदा के एम.एस. विश्वविद्यालय में फ़ेलो रहे।

1962 से 1967 तक नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन में शोध सहायक के पद पर कार्यरत रहे। 1968 में अमेरिका में आयोजित प्रदर्शनी ‘अननॉन इंडिया’ के क्यूरेटर रहे और उसके बाद जनजातीय संग्रहालय, गुजरात विद्यापीठ, अहमदाबाद के क्यूरेटर के रूप में कार्य किया। 1989-90 में भारत के पहले शिल्पग्राम (उदयपुर) की संकल्पना एवं रचना में भी उनकी केन्द्रीय भूमिका रही। इससे पहले जनजातीय संग्रहालय, गुजरात, विद्यापीठ, अहमदाबाद में महत्‍त्‍वपूर्ण भूमिका निभाई। वे भूमा, लोक शिल्प संस्थान, अहमदाबाद के अध्यक्ष व न्यासी भी रहे।

श्री शाह के चित्रों की एकल प्रदर्शनियाँ पूरे संसार की प्रतिष्ठित कलादीर्घाओं में आयोजित हो चुकी हैं। उन्‍होंने विश्व के महान कला चिन्तकों तथा विद्वानों—स्टेला क्रमरिश, चार्ल्स इम्स, ब्रेसां, पुपुल जयकर—के साथ काम किया। वे ‘पद्मश्री’, ‘रॉकफ़ेलर फ़ेलोशिप’, ‘नेहरू फ़ेलोशिप’, ‘कला रत्न’, ‘आईफ़ेक्स गगन अवनी पुरस्कार’ आदि से सम्मानित किए गए और यूनिवर्सिटी ऑफ़ कैलिफ़ोर्निया, अमेरिका में प्रोफ़ेसर भी रहे।

निधन : 21 मार्च, 2019

Read More
Books by this Author
Back to Top