Main Hawa Pani Parinda Kuchh Nahin

Author: Rajesh Joshi
Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Main Hawa Pani Parinda Kuchh Nahin
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यह एक कवि का गल्प है, सो ज़ाहिर है इसमें कल्पना की उड़ान भी है, और ज़मीन का खुरदरापन भी। ये कहानियाँ जिनके बारे में ख़ुद लेखक का कहना है कि बहुत अनुशासित ढंग से नहीं लिखी गईं, अपने आयतन में मध्यवर्गीय जीवन की कठोर सीमाओं को रेखांकित करते हुए उन फ़ंतासियों तक जाती हैं जिनमें एक बड़े जीवन-बोध की संभावनाएँ खुलती हैं।

संग्रह की पहली कहानी ‘मैं हवा पानी परिंदा कुछ नहीं’, जिसका नायक अपने पक्षी-प्रेम के चलते सहसा एक चिडि़या में बदल जाता है, फ़ंतासी के फ्रेम में समय तथा सत्ता-संरचना के कई कँटीले पहलुओं को रेखांकित करती है। इसी तरह ‘साँप’ भी जिसमें मध्यवर्गीय आकांक्षाओं और उनके सभ्यतागत विस्तार को एक साँप के रूपक में उसकी तमाम भयावहताओं के साथ साकार कर‍ दिया गया है।

मँझोले शहरों का साँवला-सा माहौल इन कहानियों में अपने तमाम शेड्स के साथ मौजूद है जिसे राजेश जी की चुटीली कहन ने और जीवन्त कर दिया है। ‘सोमवार’ कहानी के विवरण इस लिहाज़ से विशेष तौर पर पढ़ने लायक़ है और इसमें चित्रित किया गया जीवन भी जो अपने देश और काल की छवियों को एक सजीव कोलाज में ढाल देता है।

कविता के पंखों पर उड़ता हुआ गद्य इन सभी कहानियों की उपलब्धि है। इन कहानियों को पढ़ते हुए हम सिर्फ़ कथा-सूत्र के साथ नहीं चलते, उसकी बिम्ब-योजना हमें अनुभव के एक समानान्तर लोक में भी प्रक्षेपित करती जाती है; जिससे एक वृहत्तर यथार्थ हमारी पहुँच में होता है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 168p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
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Rajesh Joshi

Author: Rajesh Joshi

राजेश जोशी

18 जुलाई, 1946 को नरसिंहगढ़, मध्य प्रदेश में जन्म।

प्रकाशित कृतियाँ : ‘समरगाथा’ (लम्बी कविता); ‘एक दिन बोलेंगे पेड़’, ‘मिट्टी का चेहरा’, ‘धूपघड़ी’ (दोनों संग्रहों का संयुक्त संग्रह), ‘नेपथ्य में हँसी’, ‘दो पंक्तियों के बीच’, ‘चाँद की वर्तनी’, ‘जि़द’, ‘गेंद निराली मीठू की’ (बच्चों के लिए), ‘प्रतिनिधि कविताएँ’, ‘कवि ने कहा’ (कविता-संग्रह); ‘सोमवार और अन्य कहानियाँ’, ‘कपिल का पेड़’, ‘मेरी चुनी हुई कहानियाँ’ (कहानी-संग्रह); ‘क़िस्सा-कोताह’ (आख्यान); ‘जादू जंगल’, ‘अच्छे आदमी’, ‘पाँसे’ और ‘सपना मेरा यही सखी’, ‘ब्रह्मराक्षस का नाई’ (बच्चों के लिए) (नाटक); ‘हमें जवाब चाहिए’ (नुक्कड़ नाटक); ‘पतलून पहिना बादल’ (अब ‘ब्लादीमिर मायकोव्स्की की कविताएँ’ शीर्षक से प्रकाशित), भर्तृहरि की कविताओं की अनुरचना : ‘भूमि का यह कल्पतरु’ (अनुवाद); ‘एक कवि की नोटबुक’, ‘एक कवि की दूसरी नोटबुक : समकालीनता और साहित्य’ (आलोचनात्मक टिप्पणियाँ और नोटबुक), ‘कविता का शहर : एक कवि की नोटबुक’ (भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला में कविता और शहर के सम्बन्ध पर लिखा गया मोनोग्राफ़)।

कविताएँ अनेक भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनूदित।

सम्पादन : ‘इसलिए’ (प्रकाशन-सम्पादन, 1977-83), ‘नया पथ’ के निराला शताब्दी अंक के साथ पाँच अंक, ‘वर्तमान साहित्य’ का कविता विशेषांक (1992), त्रिलोचन के कविता-संग्रह ‘ताप के ताए हुए दिन’ (1980), ‘नागार्जुन संचयन’ (साहित्य अकादेमी, 2005), ‘मुक्तिबोध संचयन’ (भारतीय ज्ञानपीठ प्रकाशन, 2015)।

पुरस्कार : ‘साहित्य अकादेमी पुरस्कार’, ‘श्रीकान्त वर्मा स्मृति सम्मान’, ‘पहल सम्मान’, ‘शमशेर सम्मान’, ‘मुक्तिबोध पुरस्कार’, ‘माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार’, ’शिखर सम्मान’, ‘मुकुटबिहारी सरोज स्मृति सम्मान’, ‘निराला स्मृति सम्मान’, ‘कैफ़ी आज़मी अवार्ड’, ‘प्रो. आफ़ाक़ अहमद स्मृति अवार्ड’, ‘जनकवि नागार्जुन स्मृति सम्मान’, ‘शशिभूषण स्मृति नाट्य सम्मान’ आदि।

ईमेल : rajesh.isliye@gmail.com

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