Mahapran Nirala

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Mahapran Nirala
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निराला हमारे उन कालजयी कवियों में से हैं जिनके जीवन और कृतित्व के बारे में जानने-समझने की हमारी जिज्ञासा लगातार बनी रहती है। 'महाप्राण निराला' बहुत पहले प्रकाशित हुई थी जिसमें महादेवी की प्रस्तावना है और स्वयं निराला की हस्तलिपि में उनकी एक टिप्पणी। पुस्तक में आत्मीय संस्मरण और आलोचना का मोहक और सार्थक समन्वय है। यह बरसों से अप्राप्य थी और हमें उसका पुनर्प्रकाशन करते हुए प्रसन्नता है कि उन पर पहली पुस्तकों में से एक हम फिर उपलब्ध करा पा रहे हैं। यह याद करना ज़रूरी है कि निराला को उनकी कठिन ज़िन्दगी और जटिल कविता को समझने की कोशिश हिन्दी आलोचना काफ़ी पहले से करती रही है।

—अशोक वाजपेयी

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Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018. Ed. 1st
Pages 366p
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 3
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Ganga Prasad Pandey

Author: Ganga Prasad Pandey

गंगाप्रसाद पांडेय

छायावाद युग के प्रमुख आलोचक और कवि। अब दिवंगत। 

प्रमुख पुस्तकें : ‘महीयसी महादेवी’, ‘महाप्राण निराला’, ‘निबन्धिनी’, ‘महादेवी का विवेचनात्मक गद्य’, ‘वसन्तिका’ आदि।

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