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Komal Gandhar-E-Book

Author: Vilayat Khan
Translator: Ramshankar Dwivedi
Edition: 2019, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹262.50 Regular Price ₹350.00
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9789388753234-ebook

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Ramshankar Dwivedi
Editor Shankarlal Bhattacharya
Publication Year 2019
Edition Year 2019, Ed. 1st
Pages 225p
Price ₹350.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 2
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Author: Vilayat Khan

विलायत ख़ाँ

जन्म : 8 अगस्त, 1928; गौरीपुर मैमनसिंह, ईस्ट बंगाल (अब बांग्लादेश)।

उस्ताद विलायत ख़ाँ का जन्म एक संगीतज्ञ परिवार में हुआ था। पिता उस्ताद इनायत हुसैन ख़ाँ प्रख्यात सितारवादक थे, जिनके निधन के बाद उन्होंने अपने नाना और मामा से सितार बजाना सीखा। आठ वर्ष की उम्र में पहली बार उनके सितारवादन की रिकॉर्डिंग हुई। उन्होंने पाँच दशकों से भी अधिक समय तक अपने सितार का जादू बिखेरा। वे सम्‍भवतः भारत के पहले संगीतकार थे जिन्होंने भारत की आज़ादी के बाद इंग्लैंड जाकर संगीत पेश किया था। विलायत ख़ाँ ने सितारवादन और गायकी की अलग शैली विकसित की थी जिसमें श्रोताओं पर गायन का अहसास होता था। उनकी कला के सम्मान में राष्ट्रपति फ़ख़रुद्दीन अली अहमद ने उन्हें ‘आफ़ताब-ए-सितार’ का सम्मान दिया था और ये सम्मान पानेवाले वे एकमात्र सितारवादक थे। लेकिन उस्ताद विलायत खाँ ने 1964 में ‘पद्मश्री’ और 1968 में ‘पद्मविभूषण’ सम्मान ये कहते हुए ठुकरा दिए थे कि भारत सरकार ने हिन्‍दुस्तानी शास्त्रीय संगीत में उनके योगदान का समुचित सम्मान नहीं किया।
निधन : 13 मार्च, 2004

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