‘कविता के देश में’ एक कवि द्वारा पढ़ी-सराही गई कविताओं की विवेचना है। सुमन केशरी की इस पुस्तक की खास बात यह है कि यह एक कविता की सुविस्तृत व्याख्या, उस कविता को सामने रखकर करती है ताकि पाठक भी कविता को विश्लेषण के बरक्स पढ़ सके और उसका पूर्ण आस्वादन कर सके। इस प्रकार यह पुस्तक अठारह कविताओं और दो गीतों की सुविस्तृत व्याख्या-विश्लेषण करती है। आप कविताएँ भी पढ़ें और उनका साहित्य और सामाजिक-सांस्कृतिक जीवन से सम्बद्ध विश्लेषण भी। कविताओं का विश्लेषण करते हुए उन्हें तरह-तरह के उद्धरणों द्वारा बोझिल नहीं किया गया, बल्कि कविताओं के देशकाल-सन्दर्भ को स्पष्ट करते हुए उनका अर्थ आप तक पहुँचाने का प्रयास है। कवियों द्वारा प्रयुक्त शब्दों-सन्दर्भों पर ध्यान दिया गया है और जहाँ जरूरी है वहाँ अन्य कवियों की कविताओं के अंश देकर पाठ को अधिक अर्थोपम भी बनाया गया है।
‘कविता के देश में’ पढ़ते हुए आप समय के एक बड़े फलक से गुजरेंगे। आप कबीर और सूरदास को पढ़ते हुए आज अभी लिखी जा रही कविताओं के बारे में भी जान सकेंगे और उन गीतों के बारे में भी, जिन्हें सुनते हुए आप एक दौर से गुजर जाते हैं। आप इस पुस्तक को पढ़ते हुए महसूस करेंगे कि कविताओं के इस तरह के विचारोत्तेजक एवं भावप्रवण विश्लेषण की कितनी ज्यादा जरूरत है।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2022 |
Edition Year | 2022, Ed. 1st |
Pages | 190p |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22.5 X 14.5 X 1.5 |