J.N.U. Mein Namvar Singh

Author: Suman Keshari
Edition: 2019, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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J.N.U. Mein Namvar Singh
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‘जे.एन.यू. में नामवर सिंह’ दरअसल स्वयं जे.एन.यू. वासियों की अपनी गाथा है—अपने को उस स्वप्नदर्शी विश्वविद्यालय से जोड़ने की—उसे निरन्तर सुरक्षित रखने और बनाते जाने की अपनी दास्तान...

इसमें पुरानी यादें भी हैं, कसक भी है और ख़ुशी भी। ख़ुशी उस यूनिवर्सिटी से जुड़ने की जो न केवल अध्ययन—अध्यापन और शोध में निरन्तर नए प्रयोग कर रही थी, बल्कि जो अपनी

ईंट-कंकरीट की इमारतों के प्रकृति के साथ संयोजन में भी अनूठापन रच रही थी।

जिस समय जे.एन.यू. की इमारतें अरावली की पहाड़ियों पर उभर रही थीं, उस समय यूँ तो पर्यावरण की रक्षा पर इतना बल न था—पर वह यूनिवर्सिटी ही क्या जो भविष्योन्मुखी न हो—जो परम्परा से जुड़ती और उससे संवाद न करती हो—जो सर्वहितकारी और जीवन्त न हो...

तो जे.एन.यू. स्मृति भी है और प्रकृति भी...

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2009
Edition Year 2019, Ed. 2nd
Pages 263p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2.5
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Suman Keshari

Author: Suman Keshari

सुमन केशरी

सुमन केशरी का जन्म मुज़फ़्फ़रपुर, बिहार में हुआ। वे मूलतः कवि हैं किन्तु उन्होंने लेख, कहानी, नाटक, यात्रा-वृत्तान्त जैसी विधाओं में भी पर्याप्त काम किया है। कविताओं की व्याख्याओं के साथ-साथ आर्मेनियाई जनसंहार पर एक पुस्तक तैयार की है। उन्हें प्रशासन, अध्यापन और सामाजिक क्षेत्र में काम करने के गहरे अनुभव हैं। मिथकीय चरित्रों की मूल संवेदना को बनाए-बचाए रखते हुए, मिथकों को आज के लिए प्रासंगिक बनाने की कला में वे निष्णात हैं। उन्होंने रामायण और महाभारत के अनेक चरित्रों और प्रसंगों पर कविताएँ व लेख लिखे हैं।

सुमन जी की प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘याज्ञवल्क्य से बहस’ (2008), ‘मोनालिसा की आँखें’ (2013), ‘शब्द और सपने’ (2015), ‘पिरामिडों की तहों में’ (2018), ‘निमित्त नहीं!!’ (2022) (कविता-संग्रह); ‘गांधारी’ (नाटक); ‘कोराना काल में शादी’ (लघु नाटक)। ‘जेएनयू में नामवर सिंह’ (2009), ‘आर्मेनियाई जनसंहार : ऑटोमन साम्राज्य का कलंक’ (2021, सुश्री माने मकर्तच्यान के साथ सम्पादन)।

‘मोनालिसा की आँखें’ संकलन का मराठी और राजस्थानी में अनुवाद प्रकाशित है।

जीवन और लेखन दोनों में प्रयोगधर्मी सुमन केशरी इन दिनों ‘कथानटी सुमन केशरी’ के नाम से सोशल मीडिया पर कहानियाँ भी सुनाती हैं।

सम्पर्क : sumankeshari@gmail.com

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