Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra-Hard Cover

Author: Anil Tripathi
ISBN: 9789393768780
Edition: 2022, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹760.75 Regular Price ₹895.00
15% Off
Out of stock
SKU
9789393768780
Share:

‘कवि की वर्तनी’ हमारे समय के महत्त्वपूर्ण कवि राजेश जोशी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित है।

राजेश जोशी की जमीन आठवें दशक की कविता की जमीन है जिसे ‘कविता की वापसी’ के रूप में भी जाना जाता है। कविता की वापसी के निहितार्थ जो भी हों पर यहाँ एक बात तो निश्चित है कि इस पीढ़ी के आगमन ने अपनी पूर्ववर्ती कविता से अपने समय की कविता के सम्बन्ध को बदलकर रख दिया। साथ ही अपनी पीढ़ी के ठीक पूर्व की कविता से अपना नया प्रस्थान बिन्दु रचा। जिन कवियों ने यह काम किया राजेश जोशी उनमें अन्यतम हैं। बीसवीं सदी की कविता में ‘पंच महाभूतों’ की खोज और लगभग सबके लिए ‘सघनतम की आँख’ निराला से अपनी पीढ़ी के जुड़ाव और सम्बन्धों की व्याख्या राजेश जोशी के कवि की ही नहीं बल्कि आनेवाली पीढ़ी के लिए भी उपलब्धि है।

पिछले चार दशक से राजेश जोशी की कविता और उनका लेखन न केवल हमारे समय की मुश्किल गिरह को खोलता रहा है बल्कि मनुष्य के पक्ष में सच्ची आवाज की तरह अडिग खड़ा रहा है। इस आवाज की दृढ़ता की जमीन बहुत कड़ी और मजबूत है लिहाजा इसके प्रति प्यार और सम्मान बढ़ता ही गया है। आज वे सबसे चहेते कवियों में शुमार हैं तो उसका कारण यही अडिगता है। आज की हिन्दी कविता का कोई भी नक्शा उनके बिना असम्भव है। रेल की पटरियों के मानिन्द समय और लेखन की यह समानान्तर निरन्तरता बहुत महत्त्वपूर्ण है। अस्सी के बाद के समय का इतिहास कोई चाहे तो इन कविताओं के माध्यम से भी लिख सकता है।

एक जगह नारायण सुर्वे के हवाले से राजेश जोशी ने लिखा है कि कविता कवि के कंधे पर बैठी एक ऐसी अदृश्य चिड़िया है जो कहीं कुछ भी गलत या किसी अपसगुन को घटित होते जैसे ही देखती है वैसे ही चिल्लाने लगती है। लेकिन उसकी आवाज उसी कवि को सुनाई पड़ती है जिसके कान चौकन्ने हों। यह अलग से कहने की जरूरत नहीं कि राजेश जोशी के न केवल कान चौकन्ने हैं बल्कि दृष्टि भी बहुत तीक्ष्ण है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 256p
Price ₹895.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Kavi Ki Vartani : Rajesh Joshi Par Ekagra-Hard Cover
Your Rating

Author: Anil Tripathi

अनिल त्रिपाठी

कवि, आलोचक अनिल त्रिपाठी का जन्म 1 मार्च, 1971 को उत्तर प्रदेश, जिला सुल्तानपुर के तिवारीपुर गाँव में हुआ।

उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बी.. किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली से एम.., एम.फिल., और पी-एच.डी. की डिग्री प्राप्त की।

उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं—‘एक स्त्री का रोजनामचा’, ‘अचानक कुछ नहीं होता’ (कविता-संग्रह); ‘नई कविता और विजयदेव नारायण साही’ (आलोचना)मिट्टी की रोशनीऔरप्रतिनिधि कविताएँ : केदारनाथ सिंहउनकी सम्पादित पुस्तकें हैं।

उन्हें आलोचना के लिए प्रतिष्ठितदेवीशंकर अवस्थी स्मृति सम्मानसे सम्मानित किया जा चुका है।

सम्प्रति : एसोसिएट प्रोफेसर, हिन्दी विभाग,

श्री जयनारायण पी.जी. कॉलेज, लखनऊ।

सम्पर्क : aniltripathi13@gmail.com

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top