जापानी कथा साहित्य की बारह पुस्तकों की शृंखला की इस अन्तिम कड़ी में जापान के आधुनिक साहित्य का सर्वेक्षण प्रस्तुत किया गया है। साहित्यिक शैली, विधि और व्यवस्था पर जापान के बदलते सामाजिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक परिवेश तथा पाश्चात्य चिन्तन के प्रभाव में व्यक्तिवादी और लोकतांत्रिक मतों के प्रादुर्भाव के जटिल ताने–बाने की यह पहली साहित्यिक समीक्षा है। इसमें सवा सौ साल की साहित्यिक गतिविधियों का तटस्थ मूल्यांकन है और सत्तर साहित्यकारों के जीवन की झलकियाँ भी।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Publication Year | 2002 |
Edition Year | 2023, Ed. 2nd |
Pages | 147p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 1.5 |