Rakshas Phoot Phoot Kar Roya

Edition: 2023, Ed. 2nd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
15% Off
Out of stock
SKU
Rakshas Phoot Phoot Kar Roya

लोमड़ी और राक्षस को हर समाज में चालाक, क्रूर और मनुष्य के दुश्मन के रूप में ही सर्वथा चित्रित किया गया है लेकिन जापानी जीवन–शैली में प्रकृति और अन्य जीवों के प्रति जो लगाव रहा है, उसका प्रभावशाली दिग्दर्शन जापान के अग्रणी साहित्यकारों के प्रस्तुत संग्रह में देखने को मिलता है।

‘राक्षस फूट–फूटकर रोया’ में जहाँ राक्षस को नेक और मिलनसार दर्शाया गया है, वहीं ‘एक द्वीप की लोमड़ी’ में लोमड़ी की मासूमियत झलकती है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2002
Edition Year 2023, Ed. 2nd
Pages 68p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1
Write Your Own Review
You're reviewing:Rakshas Phoot Phoot Kar Roya
Your Rating

Author: Unita Sachchidanand

उनीता सच्चिदानन्द

जन्म : 1959, ग्राम—बग्याली (पौड़ी, गढ़वाल)।

शिक्षा : एम.ए., एम.फ़िल्., पी-एच.डी. (जापानी भाषा एवं साहित्य), जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय।

डॉ. उनीता सच्चिदानन्द दिल्ली विश्वविद्यालय के चीनी व जापानी अध्ययन विभाग में रीडर हैं। आधुनिक जापानी साहित्य व विधिवत् अध्ययन व शोध नारा महिला विश्वविद्यालय, जापान में सम्पन्न किया। सन् 1990 में जापानी सरकार की छात्र-वृत्ति एवं 1999 में जापान फ़ाउंडेशन फ़ेलोशिप पर जापान के कई विश्वविद्यालयों से सम्बन्धित डॉ. उनीता 1980 से लगातार हिन्दी बाल पत्रिकाओं के ज़रिए जापानी लोक व बाल-साहित्य हिन्दी में उपलब्ध कराती रही हैं। 1997 में ‘फूजी पहाड़ से’ जापानी लोककथाओं का सचित्र संग्रह (पाँच भागों में) और जापानी युवा कहानियों के तीन संग्रह राजकमल प्रकाशन द्वारा 1998 में प्रकाशित एवं भारतीय लोक व बाल-साहित्य के जापानी रूपान्तरण जापान में प्रकाशित।

Read More
New Releases
Back to Top