Jal Uthe Charag

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Jal Uthe Charag
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अंजानी और अपरिचित गन्‍धों से भरा हुआ है दृश्य से अदृश्य की यात्रा का यह मार्ग। फिर बँध ही जाते हैं पैरों में अनगिनत घूँघर किन्हीं सूक्ष्म रूपों में कि फिर जल उठते हैं चराग़ और प्रकाशित हो उठते हैं मार्ग उसी के परम आलोकों से। तब उस असीम से मिलन की चाह में उठते हैं हृदय में प्रार्थनाओं के तीक्ष्ण वेग और डूब जाती हैं आँखें आनंद के आँसुओं में। उसी अतिरेक और अहोभावों की असहाय-सी स्थितियों में तत्क्षण उतरने लगते हैं अस्तित्व के संगीत; उठते हैं जीवन के महाशिखर और उतरता है कोई काव्य अपनी त्वरा में रात-रानियों की सी गन्‍ध लिए।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 150P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Anand Amitesh

Author: Anand Amitesh

आनंद अमितेष

जन्म : वर्ष 1976 में उत्तर प्रदेश के ज़‍िला अलीगढ़ के एक छोटे से गाँव में।
प्रारम्भ से ही गुर्जिएफ़, रजनीश, अरबिंदो, बुल्लेशाह, मंसूर, अमीर ख़ुसरो, मिर्ज़ा ग़ालिब और मीर तक़ी मीर जैसे सद्गुरुओं, सूफ़ी सन्‍तों और शायरों से प्रभावित रहे। इनके अतिरिक्त उस्ताद नुसरत फ़तेह अली ख़ान और मेहंदी हसन साहब की गायकी में के भी मुरीद रहे।
लेखन : लेखन का प्रारम्भ ग़ज़लों एवं गीतों से। आगरा आकाशवाणी से ग़ज़लों का प्रसारण| विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में गीत, कविताएँ एवं लेख प्रकाशित।

सम्प्रति : उत्तर प्रदेश सरकार के नियोजन विभाग में राजपत्रित अधिकारी के पद पर कार्यरत।
ई-मेल : mukesh219701489@gmail.com 

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