Hriday Rog Se Mukti

Author: Abhay Bang
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Hriday Rog Se Mukti
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डॉ. अभय बंग को चौआलीस साल की उम्र में अचानक दिल का दौरा पड़ा।

‘‘...यह दिल का दौरा क्या सचमुच ही अचानक हुआ? या वर्षों से वह मुझे रोज़ ही हो रहा था, सिर्फ़ मुझे एक दिन अचानक ध्यान में आया? मृत्यु का क़रीब से दर्शन होने पर मुझ पर क्या परिणाम हुआ? मेरे हृदयरोग का क्या कारण मुझे ध्यान में आया? हृदयरोग से बाहर आने के लिए मैंने क्या किया? मैंने हृदयरोग का उपचार करने के बजाय हृदयरोग ने ही मेरा उपचार कैसे किया?’’

यह कहानी सर्वप्रथम मराठी में प्रकाशित हुई और उसने पूरे महाराष्ट्र को हिला दिया। लाखों लोगों ने उसे पढ़ा, औरों को पढ़ने को दी। हृदयरोग विशेषज्ञ अपने मरीज़ों को दवाई के साथ किताब पढ़ने की सलाह देने लगे। जगह-जगह इस किताब का सामुदायिक वाचन किया गया। कहा जाता है कि महाराष्ट्र के मध्यम वर्ग की जीवन-शैली पर इस किताब का गहरा असर हुआ है। और, ‘‘...इस कहानी का अन्त अभी नहीं हुआ है। आज भी हर रोज़ कुछ नया घटित हो रहा है।’’

साहित्यिक पुरस्कार प्राप्त सफलतम मराठी किताब का हिन्दी अनुवाद है ‘हृदयरोग से मुक्ति’।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2012
Edition Year 2015, Ed. 2nd
Pages 240P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Abhay Bang

Author: Abhay Bang

डॉ. अभय बंग

डॉ. अभय बंग का जन्म 23 सितम्‍बर, 1950 को वर्धा, महाराष्‍ट्र में हुआ था। मेडिसिन शाखा के एम.डी. और अमेरिका के जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय के एम.पी.एच. हैं। विश्वविद्यालयों में सर्वप्रथम स्थान और कई स्वर्णपदकों के साथ पढ़ाई पूरी करने पर अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ महाराष्ट्र के गडचिरौली नामक आदिवासी इलाक़े में स्वयंप्रेरणा से जाकर रहे और पिछले कई वर्षों से वहाँ स्वास्थ्य सेवा कर रहे हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में विश्वख्याति के शोधकर्ता हैं। कई राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित तथा ‘टाइम’ नियतकालिक द्वारा 2005 में चुने गए ‘ग्लोबल हीरो ऑफ़ हेल्थ’ हैं। मराठी में प्रकाशित उनकी पुस्‍तक ‘माझा साक्षात्कारी हृदयरोग’ एक प्रसिद्ध पुस्‍तक है।

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