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Hindi Ki Jatiya Sanskriti Aur Aupniveshikta-E-Book

Author: Rajkumar
Edition: 2018, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
Special Price ₹524.25 Regular Price ₹699.00
25% Off
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9788126730841-ebook

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हिन्दी की जातीय संस्कृति और औपनिवेशिकता एक ऐसा विषय है जिस पर लगातार कई दृष्टियों से विचार करने की ज़रूरत है, क्योंकि ऐसे वैचारिक अनुसन्धान से ही हम उन कई प्रश्नों के उत्तर पा सकते हैं जो हमें बेचैन किए रहते हैं। हिन्दी में बार-बार व्याप रही विस्मृति, जातीय स्मृति की अनुपस्थिति आदि ऐसे कई पक्ष हैं जो आलोचना के ध्यान में बराबर रहने चाहिए। डॉ. राजकुमार की यह नई पुस्तक ऐसे आलोचनात्मक उद्यम की ही उपज है और हम उसे सहर्ष प्रकाशित कर रहे हैं।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2018
Edition Year 2018, Ed. 1st
Pages 218P
Price ₹699.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Rajkumar

Author: Rajkumar

डॉ. राजकुमार

जन्म 1961 के सावन महीने की नागपंचमी को इलाहाबाद (अब कौशाम्बी) जिले के इब्राहिमपुर गाँव में। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक। जे.एन.यू., नई दिल्ली से एम.ए., एम.फिल. और पीएच.डी.।

प्रकाशित पुस्तकें : आधुनिक हिन्दी साहित्य का चौथा दशक; साहित्यिक संस्कृति और आधुनिकता; हिन्दी की साहित्यिक संस्कृति और भारतीय आधुनिकता; कहानियाँ रिश्तों की : दादा-दादी, नाना-नानी (सम्पादित); औपनिवेशिक दौर में हिन्दी शोधालोचना (सम्पादित); हिन्दी की जातीय संस्कृति और औपनिवेशिकता; ट्रांसकल्चरल एशियन मॉडर्निटीज (सम्पादित)।

विज़िटिग प्रोफ़ेसर : पेंट विश्वविद्यालय, बेल्जियम, 2015 और 2016।

सम्प्रति : प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, वाराणसी-221005

ई-मेल : dr.kumar.raj@gmail.com

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