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Hindi Aalochana-Hard Cover

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9788126707478
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प्रस्तुत पुस्तक में हिन्दी के विपुल और विविध आलोचना-साहित्य का विकास-क्रम दिखाते हुए उसका विस्तृत विवेचन किया गया है। लेखक ने कोशिश की है कि आलोचना-साहित्य के मूल स्रोतों को देखकर ही उसके विषय में कुछ लिखा जाए।

यह अध्ययन प्रधानत: शुक्ल और प्रमुख शुक्लोत्तर समीक्षकों पर ही आधारित है। इसमें पं. रामचन्द्र शुक्ल के आलोचक की शक्ति को समझने का उद्यम किया गया है और उन्होंने आलोचक बनने की जो गम्भीर साधना की थी, उस पर प्रकाश डाला गया है। पं. नन्ददुलारे वाजपेयी, पं. हजारीप्रसाद द्विवेदी तथा डॉ. नगेन्द्र की आलोचनात्मक कृतियों का जायज़ा लिया गया है और प्रगतिशील समीक्षकों में डॉ. रामविलास शर्मा तथा
डॉ. नामवर सिंह के योगदान पर विचार किया गया है।

पुस्तक की विशेषता यह है कि इसमें भारतेन्दु युग और द्विवेदी युग की पत्र-पत्रिकाओं और छायावादी कवियों के आलोचनात्मक विचारों के भी महत्त्व को ठीक ढंग से आँकने का प्रयास है। कुल मिलाकर, पुस्तक में हिन्दी आलोचना को नए ढंग से देखा-परखा गया है।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 1970
Edition Year 2022, Ed. 16th
Pages 272p
Price ₹795.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 2.5
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Vishwanath Tripathi

Author: Vishwanath Tripathi

विश्वनाथ त्रिपाठी

विश्वनाथ त्रिपाठी का जन्म 16 फरवरी, 1931 को उत्तर प्रदेश के जिला बस्ती (अब सिद्धार्थनगर) के बिस्कोहर गाँव में हुआ। आरम्भिक शिक्षा पहले गाँव में, फिर बलरामपुर कस्बे में। उच्च शिक्षा कानपुर और वाराणसी में। पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से पी-एच.डी.।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘प्रारम्भिक अवधी’, ‘हिन्दी आलोचना’, ‘हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास’, ‘लोकवादी तुलसीदास’, ‘मीरा का काव्य’, ‘देश के इस दौर में’ (हरिशंकर परसाई केन्द्रित); ‘पेड़ का हाथ’ (केदारनाथ अग्रवाल केन्द्रित) (इतिहास-आलोचना); ‘जैसा कह सका’ (कविता-संकलन); ‘नंगातलाई का गाँव’, ‘बिसनाथ का बलरामपुर’ (स्मृति-आख्यान); ‘व्योमकेश दरवेश’ (आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी का पुण्य स्मरण), ‘गुरुजी की खेती-बारी’ (संस्मरण)। उन्‍होंने आचार्य हजारीप्रसाद द्विवेदी के साथ अद्दहमाण (अब्दुल रहमान) के अपभ्रंश काव्य ‘सन्देश रासक’ का सम्पादन किया। ‘कविताएँ 1963’, ‘कविताएँ 1964’, ‘कविताएँ 1965’ (तीनों अजित कुमार के साथ), ‘हिन्दी के प्रहरी : रामविलास शर्मा’ (अरुण प्रकाश के साथ) का भी सम्पादन किया।

उन्हें ‘मूर्तिदेवी सम्मान’, ‘व्यास सम्मान’, ‘आकाशदीप सम्मान’, ‘सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार’, ‘शलाका सम्मान’, ‘भारत भारती पुरस्कार’, ‘राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान’, ‘राजकमल प्रकाशन सृजनात्मक गद्य सम्मान’, ‘शमशेर सम्मान’, ‘गोकुलचन्द्र शुक्ल आलोचना पुरस्कार’, ‘डॉ. रामविलास शर्मा सम्मान’, हिन्दी अकादमी के ‘साहित्यकार सम्मान’ आदि से सम्मािनत किया गया है।

सम्पर्क : बी-5, एफ-2, दिलशाद गार्डन, दिल्ली-45

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