प्रेमचन्द की रचनाएँ आधुनिक भारत को समझने का एक महत्त्वपूर्ण माध्यम हैं। उन्हीं के समय से भारतीय पुनर्जागरण का प्रारम्भ होता है, जिसके पैरों की आहट उनकी रचनाओं में महसूस होती है। राष्ट्रीय जीवन की परिवर्तनशीलता, क्रिया-प्रतिक्रिया, प्रगति एवं प्रतिक्रियावादिता, धर्म की, मानवता की परछाइयाँ प्रेमचन्द की रचनाओं में झलकती हैं।
—डॉ. जाफ़र रज़ा
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back, Paper Back |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publication Year | 2022 |
Edition Year | 2024, Ed. 2nd |
Pages | 224p |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22 X 14.5 X 2 |