Fengshui

Author: Kabir Sanjay
Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Lokbharti Prakashan
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Fengshui
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कबीर संजय की कहानियाँ अछूते अनुभवों, विषयों और ब्योरों का खजाना हैं, ऐसा उनके पहले संग्रह ‘सुरखाब के पंख’ को पढ़ते हुए महसूस हुआ था। यह नया संग्रह उस अहसास को दुबारा पुष्ट करता है। उनकी कहानियाँ आपको आपकी ही परिचित दुनिया में किसी नए दरवाजे से दाखिल कराती हैं और अक्सर ऐसे धूल-अँटे कोनों तक ले जाती हैं जो कहानी विधा के लिए अड्डेबाजी के पसन्दीदा ठिकाने नहीं रहे। गरज कि उनके विषय और ब्योरे विचित्र होने के अर्थ में नहीं, उपेक्षित होने के अर्थ में अछूते हैं। अक्सर वे कहानीकार को अपने बचपन और कैशोर्य की स्मृतियों में भटकते हुए हाथ लगते हैं और वह जब उन्हें साफ-सुथरा करके आपके सामने पेश करते हैं तो आप वैसी ही उत्तेजना अनुभव करते हैं जैसी अपनी किसी खोई हुई अनमोल वस्तु के मिल जाने पर होनी चाहिए। इस संग्रह की एक कहानी ‘थप्पड़’ में वाचक कहता है, ‘बचपन में ज्यादा कुछ कहा नहीं। बस हर वक्त चुप ही रहा। इसलिए अब मन कहता है कि हर वक्त कुछ न कुछ कहता रहूँ। अगर थोड़ा ज्यादा भी हो जाए तो आप लोग बुरा नहीं मानेंगे, इसका मुझे भरोसा है।’ अगर यह वाचक की ही नहीं, कबीर संजय की भी अपनी बात है, तो कहना चाहिए कि भरोसा लाज़िमी है। उन्हें कहानी कहना आता है और वे जैसी अकृत्रिम, अतिरेकों से रहित, रवाँ जुबान में कहानी कहते हैं, उन्हें कौन नहीं सुनना चाहेगा!

—संजीव कुमार

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Language Hindi
Binding Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 160p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 19.5 X 12.5 X 1
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Kabir Sanjay

Author: Kabir Sanjay

कबीर संजय

कबीर संजय का जन्म 10 जुलाई, 1977 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक किया। साहित्य के अलावा सामाजिक-राजनीतिक गतिविधियों में भी शामिल रहे। पर्यावरण और वन्यजीवन से जुड़े सवाल भी उनकी रचनात्मकता के केन्द्र में हैं।

उनकी प्रकाशित कृतियाँ ‌हैं—‘सुरखाब के पंख’, ‘फेंगशुई’ (कहानी-संग्रह); ‘चीता : भारतीय जंगलों का गुम शहजादा’, ‘ओरांग उटान : अनाथ, बेघर और सेक्स ग़ुलाम’ (वन्य जीवन)

उनकी कहानी ‘पत्थर के फूल’ लखनऊ में मंचित हो चुकी है। वन्यजीवन और पर्यावरण पर केन्द्रित लोकप्रिय फेसबुक पेज ‘जंगलकथा’ के संचालक हैं।

उन्हें ‘प्रथम रवीन्द्र कालिया स्मृति सम्मान’ से सम्मानित किया गया है।

सम्प्रति : दैनिक हिन्दुस्तान में प्रमुख संवाददाता।

ई-मेल : sanjaykabeer@gmail.com

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