Ek Violin Samandar Ke Kinare

Fiction : Novel
Author: Krishna Chander
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Ek Violin Samandar Ke Kinare
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इस उपन्यास का नायक—केशव—हज़ारों साल पीछे छूट गई दुनिया से हमारी दुनिया में आया है। आया है एक लड़की से प्रेम करने की अटूट इच्छा लिये। वह लड़की उसे मिलती भी है, लेकिन त्रासदी यह कि वह उसकी हत्या कर डालता है!...

...तो जो व्यक्ति अपनी दुनिया से हमारी दुनिया में प्यार करने आया था, उसने हत्या क्यों की? यही है इस उपन्यास का मुख्य सवाल, जिसका जवाब प्रक्रिया में उनका यह बहुचर्चित उपन्यास वर्तमान सभ्यता के पूँजीवादी जीवन-मूल्यों पर तो प्रहार करता ही है, उन मूल्यों को उजागर करता है, जो मानव सभ्यता को निरन्तर गतिशील बनाए हुए हैं। उनकी मान्यता है कि पुरानी दुनिया के सिद्धान्तों से नई दुनिया को नहीं परखा जा सकता। नई दुनिया की स्त्री भी नई है—प्रेम के कबीलाई और सामन्ती मूल्य उसे स्वीकार नहीं। अब वह स्वतंत्र है। वास्तव में सतत परिवर्तनशील मूल्य-मान्यताओं का अन्त:संघर्ष इस कथाकृति को जो ऊँचाई सौंपता है, वह अपने प्रभाव में आकर्षक भी है और मूल्यवान भी।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1962
Edition Year 2019, Ed. 6th
Pages 165P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 18.5 X 12.5 X 1.5
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Editorial Review

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Krishna Chander

Author: Krishna Chander

कृश्न चंदर

जन्म : 13 नवम्बर, सन् 1914
उर्दू कथा-साहित्य में अपनी अनूठी रचनाशीलता के लिए बहुचर्चित उपन्यासकार। प्रगतिशील और यथार्थवादी नज़रिए से लिखे जानेवाले साहित्य के प्रमुख पक्षधरों में से एक।
40 से भी अधिक पुस्तकें प्रकाशित। फ़िल्म-कथा-लेखन और फ़िल्म-निर्देशन भी किया। भारत की प्रायः सभी प्रमुख भाषाओं में रचनाओं का अनुवाद। साथ ही अंग्रेज़ी, रूसी, पोलिश, जर्मन, हंगेरियन, डेनिश तथा चीनी आदि विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद प्रकाशित।

प्रमुख उपन्यास : ‘अन्नदाता’, ‘हम वहशी हैं’, ‘एक गधे की आत्मकथा’, ‘तूफ़ान की कलियाँ, ‘जब खेत जागे’, ‘बावन पत्ते’, ‘एक वायलिन समन्दर के किनारे’, ‘काग़ज़ की नाव’, ‘मेरी यादों के किनारे’, ‘एक करोड़ की बोतल’, ‘गरजन की एक शाम’ आदि।

निधन : 8 मार्च, 1977

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