Computer Kya Hai

Author: Gunakar Muley
Edition: 20018, Ed, 3rd
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
As low as ₹420.75 Regular Price ₹495.00
15% Off
In stock
SKU
Computer Kya Hai
- +
Share:

कम्प्यूटर बड़ी तेज़ी से आधुनिक जीवन के अभिन्न अंग बनते जा रहे हैं, अब हमारे देश में भी। इस क्रान्तिकारी बुद्धि-सहायक साधन की अब हम उपेक्षा नहीं कर सकते। कम्प्यूटर केवल गणना का ही नहीं, केवल सूचनाओं को ग्रहण करके उनका विश्लेषण करनेवाला ही नहीं, यह संचार और नियंत्रण का भी एक शक्तिशाली साधन है। मानव-समाज बड़ी तेज़ी से कम्प्यूटरमय बनता जा रहा है।

अनेक के लिए कम्प्यूटर आज भी एक करिश्मा है। कम्प्यूटर का विकास प्रमुख रूप से अंग्रेज़ी माध्यम में होने के कारण इसकी कार्यप्रणाली को समझने में कइयों को आज भी बड़ी कठिनाई होती है। लेकिन कम्प्यूटर के लिए दुनिया की सभी भाषाएँ समान महत्त्व की हैं। कम्प्यूटर की अपनी एक स्वतंत्र मशीनी भाषा है। इसलिए कम्प्यूटर के बुनियादी सिद्धान्तों को किसी भी भाषा में समझा जा सकता है।

गुणाकर जी मानते थे कि कम्प्यूटर की कार्य-प्रणाली को मातृभाषा में आसानी से समझा जा सकता है। इसी उद्देश्य से उन्होंने कम्प्यूटर पर एक लम्बी लेखमाला लिखी थी। लेखमाला ख़ूब पसन्द की गई, और पाठक इसकी पुस्तकाकार माँग करते रहे। यह माँग अब पूरी हो रही है। साथ ही उसके बाद कम्प्यूटर के विषय में लिखे हुए उनके अन्य लेखों को भी इस पुस्तक में शामिल कर लिया गया है।

कम्प्यूटर पर काम करनेवाले और करने की चाह रखनेवाले, सभी जिज्ञासु पाठकों के लिए एक आधारभूत पुस्तक।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 1986
Edition Year 20018, Ed, 3rd
Pages 210p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
Write Your Own Review
You're reviewing:Computer Kya Hai
Your Rating
Gunakar Muley

Author: Gunakar Muley

गुणाकर मुळे

जन्म : विदर्भ के अमरावती ज़िले के सिन्‍दी बुजरूक गाँव में 3 जनवरी, 1935 को। आरम्भिक पढ़ाई गाँव के मराठी माध्यम के स्कूल में। स्नातक और स्नातकोत्तर (गणित) अध्ययन इलाहाबाद विश्वविद्यालय में। आरम्‍भ से ही स्वतंत्र लेखन। विज्ञान, विज्ञान का इतिहास, पुरातत्‍त्‍व, पुरालिपिशास्त्र, मुद्राशास्त्र और भारतीय इतिहास व संस्कृति से सम्‍बन्धित विषयों पर क़रीब 35 मौलिक पुस्तकें और 3000 से ऊपर लेख हिन्‍दी में और लगभग 250 लेख अंग्रेज़ी में प्रकाशित। विज्ञान, इतिहास और दर्शन से सम्‍‍बन्धित दर्जन-भर ग्रन्‍थों का हिन्‍दी में अनुवाद।

सांस्कृतिक स्रोत एवं प्रशिक्षण केन्‍द्र (नई दिल्ली) द्वारा अध्यापकों के लिए आयोजित प्रशिक्षण-शिविरों में लगभग एक दशक तक वैज्ञानिक विषयों पर व्याख्यान देते रहे।

भारतीय इतिहास अनुसन्‍धान परिषद् (नई दिल्ली) द्वारा प्रदत्त सीनियर फ़ेलोशिप के अन्‍तर्गत 'भारतीय विज्ञान और टेक्नोलॉजी का इतिहास’ से सम्‍बन्धित साहित्य का अध्ययन-अनुशीलन। विज्ञान प्रसार (विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार) के दो साल फ़ेलो रहे।

प्रमुख कृतियाँ : ‘अंक-कथा’, ‘अक्षर-कथा’, ‘भारत : इतिहास और संस्कृति’, ‘आकाश-दर्शन’, ‘संसार के महान गणितज्ञ’, ‘तारों भरा आकाश’, ‘भारतीय इतिहास में विज्ञान’, ‘नक्षत्रलोक’, ‘अन्‍तरिक्ष-यात्रा’, ‘सौर-मंडल’, ‘ब्रह्मांड परिचय’, ‘एशिया के महान वैज्ञानिक’, ‘काल की वैज्ञानिक अवधारणा’, ‘रॉकेट की कहानी’, ‘सूरज चाँद सितारे’, ‘गणित से झलकती संस्‍कृति’, ‘ज्‍योतिष : विकास, प्रकार और ज्‍योतिर्विद्’, ‘सूर्य’, ‘महान वैज्ञानिक’, ‘आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘प्राचीन भारत के महान वैज्ञानिक’, ‘अंकों की कहानी’, ‘अक्षरों की कहानी’, ‘ज्‍यामिति की कहानी’, ‘आर्यभट’, ‘अल्‍बर्ट आइंस्‍टाइन’, ‘पास्‍कल’, ‘केपलर’, ‘आर्किमिडीज़’, ‘भास्कराचार्य’, ‘मेंडेलीफ’, ‘महापंडित राहुल सांकृत्यायन’, ‘महाराष्ट्र के दुर्ग’, ‘गणितज्ञ-ज्योतिषी आर्यभट’, ‘भारतीय अंक-पद्धति की कहानी’, ‘भारतीय लिपियों की कहानी’, ‘भारतीय विज्ञान की कहानी’, ‘भारतीय सिक्कों का इतिहास’, ‘कंप्यूटर क्या है’, ‘कैसी होगी 21वीं सदी’, ‘खंडहर बोलते हैं’, ‘बीसवीं सदी में भौतिक विज्ञान’, ‘कृषि-कथा’, ‘महान वैज्ञानिक महिलाएँ’, ‘प्राचीन भारत में विज्ञान’, ‘भारत के प्रसिद्ध किले’, ‘हमारी प्रमुख राष्ट्रीय प्रयोगशालाएँ’, ‘गणित की पहेलियाँ’, ‘भारत : इतिहास, संस्कृति और विज्ञान’, ‘आपेक्षिकता-सिद्धान्‍त क्‍या है?’ (अनुवाद) आदि।

पुरस्कार-सम्मान : हिन्‍दी अकादमी (दिल्ली) का ‘साहित्य सम्मान’। केन्‍द्रीय हिन्‍दी संस्थान (आगरा) का ‘आत्माराम पुरस्कार’। बिहार सरकार के राजभाषा विभाग का ‘जननायक कर्पूरी ठाकुर पुरस्कार’। मराठी विज्ञान परिषद् (मुम्‍बई) द्वारा श्रेष्ठ विज्ञान-लेखन के लिए सम्मानित। 'आकाश-दर्शन’ व 'संसार के महान गणितज्ञ’ ग्रन्‍थों के लिए प्रथम ‘मेघनाद साहा पुरस्कार’। राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद् (NCSTC) का ‘राष्ट्रीय पुरस्कार’।

निधन : 16 अक्टूबर, 2009

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top