Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika

Politics
Author: Subhash Kashyap
As low as ₹210.00 Regular Price ₹300.00
You Save 30%
In stock
Only %1 left
SKU
Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika
- +

संसदीय लोकतंत्रात्मक व्यवस्था में विपक्ष का विशेष महत्त्व है। यदि पता करना हो कि किसी देश में स्वतंत्रता और लोकतंत्र जीवित हैं या नहीं तो यह जानना होगा कि वहीं विपक्ष है या नहीं, और है तो उसकी भूमिका क्या है, कैसी है।

प्रस्तुत पुस्तक में भारतीय संसद में विपक्ष की भूमिका पर ऐतिहासिक और संकल्पनात्मक परिप्रेक्ष्यों में विचार किया गया है। पुस्तक दो भागों में विभक्त है। पहले भाग में लोकतांत्रिक संस्थाओं के उद्‌भव और विकास, स्वाधीनता से पूर्व विधायिका तथा स्वाधीनता के बाद अस्थायी संसद और प्रथम लोकसभा से लेकर ग्यारहवीं लोकसभा तक विपक्ष की भूमिका की चर्चा की गई है। दूसरे भाग में विपक्ष और नेता विपक्ष के बारे में कुछ संकल्पनात्मक बातें स्पष्ट की गई हैं तथा विपक्ष की भूमिका के कुछ रूमानी आदर्श और यथार्थ स्वरूपों पर रोशनी डाली गई है। विभिन्न अध्यायों में प्रस्तुत विवेचन-विश्लेषण बहुत कुछ व्यक्तिगत अनुभव-अन्वेषण पर आधारित है क्योंकि प्रथम लोकसभा, जवाहरलाल नेहरू और दादा साहेब मावलंकर के समय से लेकर 37 वर्षों से अधिक अवधि तक डी. सुभाष काश्यप संसद से सम्बद्ध रहे और उन्होंने संसद और सांसदों के विभिन्न स्वरूप और आयाम, उतार-चढ़ाव, उत्थान-पतन देखे हैं ।

अपनी राजनीतिक व्यवस्था और प्रातिनिधिक संस्थाओं तथा अपने चुने हुए सांसदों और विधायकों के कार्यकलापों में रुचि रखनेवाले सभी सचेत नागरिकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों एवं स्वयं राजनेताओं के लिए यह पुस्तक सर्वथा संग्रहणीय, रोचक और पठनीय सिद्ध होगी ।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 1988
Edition Year 2016, Ed. 4th
Pages 126P
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Bhartiya Rajneeti aur Sansad : Vipaksh Ki Bhoomika
Your Rating

Editorial Review

It is a long established fact that a reader will be distracted by the readable content of a page when looking at its layout. The point of using Lorem Ipsum is that it has a more-or-less normal distribution of letters, as opposed to using 'Content here

Subhash Kashyap

Author: Subhash Kashyap

डॉ. सुभाष काश्यप

जन्म : 10 मई, 1929

सुविख्यात संविधान विशेषज्ञ, संसदीय और राजनीतिक प्रबन्धन के क्षेत्र में राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित सलाहकार, लोकसभा के पूर्व महासचिव।
‘पॉलिटिक्स इंडिया’ के मानद सम्पादक, सेंटर फ़ॉर पॉलिसी रिसर्च में मानद प्रोफ़ेसर तथा राष्ट्रीय जागृति संस्थान के अध्यक्ष। जाने-माने लेखक, हिन्दी और अंग्रेज़ी में लगभग 100 पुस्तकें प्रकाशित जिनमें से कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित तथा विभिन्न भाषाओं में अनूदित।
पुरस्कार : ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित, ‘मोतीलाल नेहरू पुरस्कार’, ‘विधि सेवा सम्मान’, ‘विदुर सम्मान’।
ई-मेल : sckashyap@gmail.com

Read More
Books by this Author

Back to Top