Vishwa Patal Par Hindi-Hard Cover

Special Price ₹340.00 Regular Price ₹400.00
You Save 15%
ISBN:9788180318047
Out of stock
SKU
9788180318047

हिन्दी भारत की एक राष्ट्रीय भाषा है, संघ की राजभाषा है और एक विश्वभाषा भी है। समस्त संसार में वह आज करोड़ों लोगों द्वारा समझी जाती है। उसकी व्याप्ति लगभग डेढ़ सौ देशों में है। वह लगभग एक दर्जन देशों में जनभाषा के रूप में प्रचलित है। इन देशों को तीन कोटियों में विभाजित करना तर्कसंगत होगा—(1) भारत के पड़ोसी राष्ट्र, (2) भारतवंशी राष्ट्र, (3) आप्रवासी-बहुल राष्ट्र।

‘विश्व पटल पर हिन्दी’ का दूसरा महत्त्वपूर्ण पक्ष है, विश्वबोध। हिन्दी का सम्बन्ध संस्कृत, पालि और भारतीय भाषाओं के अतिरिक्त अरबी, फ़ारसी, पस्तो, तुर्की, अंग्रेज़ी, फ़्रेंच, स्पेनिश, डच, पुर्तगाली, इटैलिक आदि कई भाषाओं से है। इस भाषा ने हज़ारों शब्दों का आदान-प्रदान किया है। हिन्दी-सेवियों ने सैकड़ों विश्वविख्यात ग्रन्थों के अनुवाद किए हैं। दर्जनों विश्व विभूतियों पर ग्रन्थ लिखे हैं। कई यात्रा-संस्मरण लिखे हैं तथा विश्व की घटनाओं पर अपनी प्रतिक्रियाएँ व्यक्त की हैं। हिन्दी ने अनेक विश्वस्तरीय विचारधाराओं को आत्मसात् किया है तथा देश-देशान्तर तक अपनी ‘भारत विद्या’ का निर्यात भी किया है। हिन्दी की रूप-रचना अर्थात् व्याकरण, शब्दकोश, पाठ्यक्रम, शोध, समीक्षा एवं सर्जनात्मक लेखन में सैकड़ों विदेशी विद्वानों की सहभागिता रही है।

इधर हिन्दी फ़िल्मों, धारावाहिकों, पत्र-पत्रिकाओं और मीडिया कार्यक्रमों ने उसे विश्व के कोने-कोने में पहुँचाया है। कम्प्यूटर, इंटरनेट से उसका काफ़ी परिविस्तार हुआ है। लेखक ने दो दशक पूर्व इस ‘विश्व पटल पर हिन्दी’ की दिशा में पहल की थी। इसे अभी और व्यवस्थित करने की आवश्यकता है। इस प्रयोजन पूर्ति में इस पुस्तक की अपनी एक विशिष्ट उपयोगिता है। 

More Information
Language Hindi
Format Hard Back
Publication Year 2013
Edition Year 2013, Ed. 1st
Pages 216p
Price ₹400.00
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Vishwa Patal Par Hindi-Hard Cover
Your Rating

Author: Dr. Surya Prasad Dixit

सूर्यप्रसाद दीक्षित

जन्म : 6 जुलाई,1938; बन्नावाँ, रायबरेली (उत्तर प्रदेश)।

प्रोफ़ेसर तथा पूर्व अध्यक्ष, हिन्दी विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय; संस्थापक अध्यक्ष : पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय। दो शोध-प्रबन्ध प्रकाशित ‘छायावादी गद्य’ (पीएच.डी) व ‘व्यावहारिक सौन्दर्यशास्त्र’ (डी.लिट्.)। इनके अतिरिक्त दर्जनों शोधपरक पुस्तकों के रचयिता।

सम्मान : उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान से ‘साहित्य भूषण सम्मान’, ‘दीनदयाल उपाध्याय सम्मान’, हिन्दी साहित्य सम्मेलन से ‘साहित्य वाचस्पति उपाधि’, इंटरनेशनल सेंटर, कैम्ब्रिज से ‘इंटरनेशनल मैन ऑफ़ दी इयर’, अमेरिकन इन्स्टीट्यूट से ‘डिसटिंगिस्ट परसनालिटी ऑफ़ दी वर्ड’, साहित्य अकादेमी नई दिल्ली द्वारा ‘आथर इन रेजीडेन्स फ़ेलोशिप’, ‘तुलसी अवधश्री सम्मान’ आदि।

ई-मेल : spdixit65@rediffmail.com

Read More
Books by this Author
Back to Top