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Topi Shukla-Hard Cover

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9788171784745
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‘आधा गाँव’ के ख्यातिप्राप्त रचनाकार की यह एक अत्यन्त प्रभावपूर्ण और मर्म पर चोट करनेवाली कहानी है। ‘टोपी शुक्ला’ ऐसे हिन्दुस्तानी नागरिक का प्रतीक है जो मुस्लिम लीग की दो राष्ट्रवाली थ्योरी और भारत विभाजन के बावजूद आज भी अपने को विशुद्ध भारतीय समझता है—हिन्दू-मुस्लिम या शुक्ला, गुप्त, मिश्रा जैसे संकुचित अभिधानों को वह नहीं मानता। ऐसे स्वजनों से उसे घृणा है जो वेश्यावृत्ति करते हुए ब्राह्मणपना बचाकर रखते हैं, पर स्वयं उससे इसलिए घृणा करते हैं कि वह मुस्लिम मित्रों का समर्थक और हामी है। अन्त में टोपी शुक्ला ऐसे ही लोगों से कम्प्रोमाइज नहीं कर पाता और आत्महत्या कर लेता है।

व्यंग्य-प्रधान शैली में लिखा गया यह उपन्यास आज के हिन्दू-मुस्लिम सम्बन्धों को पूरी सच्चाई के साथ पेश करते हुए हमारे आज के बुद्धिजीवियों के सामने एक प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।

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Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 1966
Edition Year 2021, Ed 6th
Pages 119p
Price ₹395.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22.5 X 14.5 X 1.5
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Rahi Masoom Raza

Author: Rahi Masoom Raza

राही मासूम रज़ा

आपका जन्म 1 सितम्बर, 1925 को ग़ाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ।

प्रारम्भिक शिक्षा वहीं, परवर्ती अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में। अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से ही 'उर्दू साहित्य के भारतीय व्यक्तित्व’ पर पीएच.डी.। अध्ययन समाप्त करने के बाद अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में अध्यापन-कार्य से जीविकोपार्जन की शुरुआत। कई वर्षों तक उर्दू साहित्य पढ़ाते रहे। बाद में फ़िल्म-लेखन के लिए बम्बई गए। जीने की जी-तोड़ कोशिशें और आंशिक सफलता। फ़िल्मों में लिखने के साथ-साथ हिन्दी-उर्दू में समान रूप से सृजनात्मक लेखन। फ़िल्म-लेखन को बहुत से लेखकों की तरह 'घटिया काम’ नहीं, बल्कि 'सेमी क्रिएटिव’ काम मानते थे। बी.आर. चोपड़ा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक 'महाभारत’ के पटकथा और संवाद-लेखक के रूप में प्रशंसित।

एक ऐसे कवि-कथाकार, जिनके लिए भारतीयता आदमीयत का पर्याय रही।

प्रकाशित पुस्तकें : ‘आधा गाँव’, ‘टोपी शुक्ला’, ‘हिम्मत जौनपुरी’, ‘सीन : 75’, ‘असन्तोष के दिन’, ‘ओस की बूँद’, ‘दिल एक सादा काग़ज़’, ‘कटरा बी आर्जू’, ‘नीम का पेड़’ (हिन्दी उपन्यास); ‘कारोबारे तमन्ना’, ‘क़यामत’, ‘मुहब्बत के सिवा’ (उर्दू उपन्यास); ‘मैं एक फेरीवाला’ (हिन्दी कविता-संग्रह); ‘नया  साल’, ‘मौजे-गुल : मौजे सबा’, ‘रक्से-मय’, ‘अजनबी शहर : अजनबी रास्ते’ (उर्दू कविता-संग्रह); ‘अट्ठारह सौ सत्तावन’ (हिन्दी-उर्दू महाकाव्य) तथा ‘छोटे आदमी की बड़ी कहानी’ (जीवनी)।

निधन : 15 मार्च, 1992

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