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Sej Per Sanskrit-Hard Cover

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9788126715565
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समाज और व्यवस्था के कटु-तिक्त अनुभवों से सम्पन्न उपन्यासकार हैं मधु कांकरिया। उनका यह उपन्यास बेधक, जुझारू, धैर्यवान और अन्ततः विद्रोही स्त्री की आन्तरिक पीड़ा का बड़ा ही मार्मिक विश्लेषण-अंकन करता है। धार्मिक चिन्तन और व्यवहार से आप्लावित संसार में स्त्री-जीवन कितना कठोर, क्रूर और भयावह हो सकता है, ‘सेज पर संस्कृत’ के बहाने इस यातना-गाथा का हमें पोर-पोर परिचय मिलता है।

उपन्यास में आर्थिक विपन्नता में जकड़ी ऐसी माँ का चित्रण है जो अध्यात्म को मुक्तिमार्ग मान, यह चाहती है कि उसकी जवान बेटियाँ भी उसी मार्ग को अपना लें, ताकि उनके जीवन को नया आयाम मिले, क्योंकि उसकी धारणा है कि किसी स्त्री के साध्वी बन जाने पर परिवार का मान-सम्मान अनायास बढ़ जाता है, आर्थिक विपन्नता दूर हो जाती है। छोटी बेटी तो माँ के पद-चिह्नों पर चल पड़ती है लेकिन बड़ी बेटी शुरू से अन्त तक धर्माडम्बरों का घोर विरोध करती है।

साध्वियों की जीवन-स्थिति एवं उनके अन्तर्बाह्य संघर्ष को मार्मिक शब्द देनेवाले इस उपन्यास में जहाँ सामाजिक-आर्थिक विषमता को विस्तार दिया गया है, वहीं अन्याय और शोषण की अभिव्यक्ति को नई भाव-भूमि।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2008
Edition Year 2025, Ed. 2nd
Pages 228p
Price ₹795.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 2
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Madhu Kankariya

Author: Madhu Kankariya

मधु काँकरिया

मधु कांकरिया का जन्म 23 मार्च, 1957 को हुआ। उन्होंने कोलकाता यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में एम.ए. किया है। उनकी प्रकाशित कृतियाँ हैं—‘खुले गगन के लाल सितारे’, ‘सलाम आख़िरी’, ‘पत्ताखोर’, ‘सेज पर संस्कृत’, ‘सूखते चिनार’, ‘हम यहाँ थे’ (उपन्यास); ‘बीतते हुए’, ‘...और अन्त में ईशु’, ‘चिड़िया ऐसे मरती है’, ‘पाँच बेहतरीन कहानियाँ’, ‘भरी दोपहरी के अँधेरे’, ‘दस प्रतिनिधि कहानियाँ’, ‘युद्ध और बुद्ध’, ‘स्त्री मन की कहानियाँ’, ‘जलकुम्भी’, ‘नंदीग्राम के चूहे’ (कहानी-संग्रह); ‘अपनी धरती अपने लोग’ (सामाजिक- विमर्श); ‘बादलों में बारूद’ (यात्रा-वृत्तान्त)। तेलुगू, मराठी आदि कई भाषाओं में रचनाओं के अनुवाद प्रकाशित।

आप ‘कर्तृत्व समग्र सम्मान’ भारतीय भाषा परिषद्  (2020), ‘प्रेमचन्द स्मृति कथा सम्मान’ (2018), ‘शरत चन्द्र साहित्य सम्मान’ (2020), ‘रत्नीदेवी गोयनका वाग्देवी सम्मान’ (2018), ‘कथा क्रम सम्मान’ (2008), ‘विजय वर्मा कथा सम्मान’ (2012), ‘शिवकुमार मिश्र स्मृति कथा सम्मान’ (2015), ‘हेमचन्द्राचार्य साहित्य सम्मान‘ (2009), ‘मीरा स्मृति सम्मान’ (2019), ‘समाज गौरव सम्मान’ (2009) आदि पुरस्कारों से सम्मानित हैं।

सम्पर्क : 72 ए, विधान सरणी, तीसरी मंज़िल, फ्लैट 3 सी, कोलकाता-700006

ईमेल : madhu.kankaria07@gmail.com

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