Rahul Sankrityayan : Anaatm Bechaini Ka Yayavar

Translator: Ashok Kumar Pandey
Edition: 2023, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
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Rahul Sankrityayan : Anaatm Bechaini Ka Yayavar
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हिन्दी साहित्य में राहुल सांकृत्यायन की वैचारिक दृढ़ता, लेखन और घुमक्कड़ी के तमाम क़िस्से सुनते-पढ़ते हुए कई पीढ़ियों ने लिखना सीखा। जीवन में वामपंथी स्टैंड लेना हो या बौद्ध धर्म की लुप्तप्राय पांडुलिपियों के लिए दुनिया भर की ख़ाक छानते हुए भटकना; हमारे सामने एक ऐसा कठिन व्यक्तित्व उभर कर आता है जिसकी मेहनत के आगे नतमस्तक ही हुआ जा सकता है। हिन्दी में ख़ूब सेलीब्रेट किए जाते हुए अक्सर ऐसी ही प्रतिभाओं को हम आलोचनात्मक नज़रिए से नहीं देख पाते। यह न सिर्फ़ उस व्यक्ति के प्रति अन्याय है बल्कि उसके बौद्धिक अवदान को इतिहास में ठीक-ठीक लोकेट न कर पाने की एक ऐसी असमर्थता भी है जो भावी पीढ़ियों के प्रति एक अन्याय जैसा है।

अशोक कुमार पांडेय ने इस जीवनी में राहुल जी को उनकी बौद्धिक विकास यात्रा में समझने की कोशिश की है जो अक्सर बाहरी है और जहाँ निजी है वहाँ भी पॉलिटिकल के स्वर सुनने की चेतन कोशिश की है। राहुल जी ने आत्मकथा नहीं लिखी बल्कि जीवन-यात्रा लिखी है। उनके अपने लिखे में से और अन्य तमाम स्रोतों से जानकारियाँ खंगालते हुए राहुल जी का वह मुकम्मल व्यक्तित्व बनता है जिसकी हिन्दी साहित्य में सख़्त ज़रूरत थी। हिन्दी का पाठक वर्ग स्त्रियों, दलितों, अल्पसंख्यकों और वंचित अस्मिताओं के शामिल होने से एक बड़ा वर्ग बन चुका है, यह आलोचनात्मक जीवनी इन सबके हस्तक्षेप से उभरती नई दृष्टि से पाठ के नए आयाम रचती है।

इतिहास की पुनर्रचना की राह में भी अशोक कुमार पांडेय का यह प्रयास नई राहें खोलेगा और नए सवाल रचेगा।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 224p
Translator Ashok Kumar Pandey
Editor Ashok Kumar Pandey
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 2
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Ashok Kumar Pandey

Author: Ashok Kumar Pandey

अशोक कुमार पांडेय

कश्मीर के इतिहास और समकाल तथा भारत के आधुनिक इतिहास के विशेषज्ञ के रूप में सशक्त पहचान बना चुके अशोक कुमार पांडेय का जन्म 24 जनवरी, 1975 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के सुग्गी चौरी गाँव में हुआ। वे गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक हैं। कई विधाओं में लेखन के बाद पिछले काफी समय से इतिहास लेखन में सक्रिय हैं। ‘कश्मीरनामा’, ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’, ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ और ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’ उनकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं।

ई-मेल : ashokk34@gmail.com

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