Savarkar : Kalapani Aur Uske Baad

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Savarkar : Kalapani Aur Uske Baad
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यह किताब एक सावरकर से दूसरे सावरकर की तलाश की एक शोध-सिद्ध कोशिश है। सावरकर की प्रचलित छवियों के बरक्स यह किताब उनके क्रांतिकारी से राजनेता और फिर हिन्दुत्व की राजनीति के वैचारिक प्रतिनिधि तथा पुरोधा बनने तक के वास्तविक विकास क्रम को समझने का प्रयास करती है।

इसके लिए लेखक ने सावरकर के अपने विपुल लेखन के अलावा उनके सम्बन्ध में मिलने वाली तमाम पुस्तकों, तत्कालीन ऐतिहासिक स्रोतों, समकालीनों द्वारा ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रस्तुत दस्तावेज़ों आदि का गहरा अध्ययन किया है।

यह सावरकर की जीवनी नहीं है, बल्कि उनके ऐतिहासिक व्यक्तित्व को केन्द्र में रखकर स्वतंत्रता आन्दोलन के एक बड़े फ़लक को समझने-पढ़ने का ईमानदार प्रयास है। कहने की ज़रूरत नहीं कि राष्ट्र की अवधारणा की आड़ लेकर क़िस्म-क़िस्म की ऐतिहासिक, राजनीतिक और सामाजिक विकृतियों के आविष्कार और प्रचार-प्रसार के मौजूदा दौर में इस तरह के निष्पक्ष अध्ययन बेहद ज़रूरी हो चले हैं।

अशोक कुमार पांडेय ने इतिहास सम्बन्धी अस्पष्टताओं की वर्तमान पृष्ठभूमि में कश्मीर और गांधी के सन्दर्भ में अपनी पुस्तकों से सत्यान्वेषण का जो सिलसिला शुरू किया था, यह पुस्तक उसका अगला पड़ाव है और इस रूप में वर्तमान में एक आवश्यक हस्तक्षेप भी।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2022
Edition Year 2022, Ed. 1st
Pages 256p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 21.50 X 14 X 2
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Editorial Review

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Ashok Kumar Pandey

Author: Ashok Kumar Pandey

अशोक कुमार पांडेय

कश्मीर के इतिहास और समकाल तथा भारत के आधुनिक इतिहास के विशेषज्ञ के रूप में सशक्त पहचान बना चुके अशोक कुमार पांडेय का जन्म 24 जनवरी, 1975 को पूर्वी उत्तर प्रदेश के मऊ ज़िले के सुग्गी चौरी गाँव में हुआ। वे गोरखपुर विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में परास्नातक हैं। कई विधाओं में लेखन के बाद पिछले काफी समय से इतिहास लेखन में सक्रिय हैं। ‘कश्मीरनामा’, ‘कश्मीर और कश्मीरी पंडित’, ‘उसने गांधी को क्यों मारा’ और ‘सावरकर : काला पानी और उसके बाद’ उनकी बहुचर्चित पुस्तकें हैं।

ई-मेल : ashokk34@gmail.com

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