Prem : Khoj, Pahal Aur Paribhasha

Author: Sanjiv Shah
Translator: Ramshankar Pujari
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Prem : Khoj, Pahal Aur Paribhasha
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जो व्यक्ति स्वयं को प्रेम करता है, वह एकान्त से दूर भागने के लिए बावरा नहीं बन जाता और इसीलिए वह अकेलेपन से पीड़ित भी नहीं होता। वह हमेशा अपने समय का उपयोग सार्थक, सर्जनात्मक उद्देश्यों के लिए करता है—उसे जहाँ-तहाँ समय बिताने की जरूरत नहीं रहती। वह व्यक्ति स्वयं अपना इतना अच्छा मित्र होता है कि उसे दूसरे मित्रों की जरूरत नहीं होती। इसीलिए स्वाभाविक रूप से कुसंगत करने की जगह वह खुद के साथ रहना पसन्द करता है।

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Language Hindi
Format Paper Back
Publication Year 2023
Edition Year 2023, Ed. 1st
Pages 128p
Translator Ramshankar Pujari
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 19 X 12 X 1
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Sanjiv Shah

Author: Sanjiv Shah

संजीव शाह

संजीव शाह ‘ओएसिस मूवमेंट’ (इंडिया) के संस्थापक सदस्य हैं। उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण एवं सामाजिक विकास से सम्बन्धित 100 से अधिक पुस्तक-पुस्तिकाओं का लेखन किया है, जिनकी लगभग 20 लाख प्रतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। अंग्रेजी तथा कई भारतीय भाषाओं में उनकी पुस्तकों के अनुवाद हुए हैं। वे विद्यार्थियों तथा विभिन्न सरकारी संस्थाओं के लिए लीडरशिप कार्यक्रमों के प्रशिक्षक रहे हैं। किशोरों और युवाओं के लिए उन्होंने सलाहकार व मार्गदर्शक की महती भूमिका निभाई है। आयुर्वेद, दर्शन व अध्यात्म में उनकी गहरी रुचि है।

ई-मेल : sanjiv@oasismovement.in

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