हम जिन भावनाओं को महसूस करते हैं उनसे कभी अपराधबोध अनुभव करने की जरूरत नहीं है, ऐसी भावनाओं का अनुभव तो सभी करते हैं। जब कभी हम अत्यन्त नकारात्मक भावनाओं का अनुभव करते हैं, तो भीतर-ही-भीतर खूब क्षोभ महसूस करते हैं। वास्तव में यह क्षोभ उसी मान्यता से जन्म लेता है कि हममें नकारात्मक भावनाएँ नहीं उठनी चाहिए, ऐसी नकारात्मक भावनाएँ पैदा होना बहुत बुरी बात है।
Language | Hindi |
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Binding | Paper Back |
Publication Year | 2023 |
Edition Year | 2023, Ed. 1st |
Pages | 136p |
Editor | Not Selected |
Publisher | Rajkamal Prakashan |
Dimensions | 19 X 12 X 1 |