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Pracheen Bharat "Prashant Gaurav"-Hard Cover

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भारतीय इतिहास का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण काल प्राचीनकाल है। राजनीति, अर्थव्यवस्था, कला, संस्कृति एवं विज्ञान के क्षेत्र में इस काल का योगदान अमूल्य है। प्राचीन इतिहास के अध्ययन का मिज़ाज बदला है। संस्कृति और सभ्यता को विकसित करने में राजा–रानी, सामन्त–मंत्री, सेना आदि से ज़्यादा महत्त्वपूर्ण अब विज्ञान और प्रौद्योगिकी को स्वीकारा जाने लगा है। परम्परा को जीवित रखने अथवा उसमें अदलाव–बदलाव लाने में ग़रीबों, शिल्पकारों, मज़दूरों और स्त्रियों की भूमिका के वैज्ञानिक महत्त्व को समझने–जानने को आवश्यक माना जाने लगा है। फलस्वरूप प्राचीन इतिहास का परम्परावादी रूप राष्ट्रीय–अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बदला है। प्रस्तुत पुस्तक इन सभी नवीन तत्त्वों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। इसमें नकारात्मक पहलुओं पर कम ध्यान देते हुए सकारात्मक और मुख्यधारा से जुड़े तथ्यों तथा नवीन शोध परिणामों को प्रस्तुत करने का ज़्यादा प्रयास किया गया है। प्राचीनकाल के किन–किन विशेषताओं का अस्तित्व आधुनिककाल में महत्त्वपूर्ण रूप में बना हुआ है, क्या है योगदान प्राचीनकाल का—इन पर बेहतर और नवीन प्रकाश डालने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है।

‘भारतीय परिधान की प्राचीनता और विकास के चरण’, ‘प्राचीन और आधुनिककाल के बीच निरन्तरता’, ‘कला के विकास में विज्ञान की भूमिका’, ‘नगरीकरण का प्रथम एवं द्वितीय चरण’, ‘प्राचीन श्रृंगार की उपस्थिति आधुनिककाल में’ जैसे चन्द महत्त्वपूर्ण अध्यायों को पुस्तक में प्रस्तुत किया गया है। प्राचीन भारत के इतिहास लेखन में सम्भवत: यह पहला प्रयास है।

केन्द्रीय प्रतियोगी परीक्षाओं, प्रान्तीय प्रतियोगी परीक्षाओं और दिल्ली तथा पटना विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को ध्यान में रखते हुए प्रस्तुत पुस्तक को तैयार किया गया है। विश्वास है, छात्रों के लिए यह पुस्तक उपयोगी सिद्ध होगी।

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back, Paper Back
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publication Year 2009
Edition Year 2018, Ed. 3rd
Pages 476p
Price ₹695.00
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 3.5
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Prashant Gaurav

Author: Prashant Gaurav

प्रशान्त गौरव

जन्म : 1 दिसम्बर, 1973; सिवान (बिहार)।
शिक्षा : एम.ए., पीएच.डी.।
प्रमुख पुस्तकें : ‘ब्रह्मवैवर्त पुराण में धर्म एवं समाज’ (2001), ‘बिहार का राजनीतिक इतिहास’ (2006), ‘प्राचीन भारत का सामाजिक एवं आर्थिक इतिहास’ (2006)।
शोध–पत्र : राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर के समाचार-पत्रों एवं शोध-पत्रिकाओं में कई लेख एवं शोधलेख प्रकाशित।
सदस्य : भारतीय इतिहास कांग्रेस, इंडियन सोसाइटी फ़ॉर बुद्धिस्ट स्टडीज।
सम्प्रति : प्राध्यापक, इतिहास विभाग, गवर्नमेंट पी.जी. कॉलेज, चंडीगढ़।

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