Pracheen Bharat Mein Nagar Tatha Nagar-Jivan

As low as ₹1,020.00 Regular Price ₹1,200.00
You Save 10%
In stock
Only %1 left
SKU
Pracheen Bharat Mein Nagar Tatha Nagar-Jivan
- +

इस ग्रन्थ में आरम्भ से लेकर बारहवीं शती ई. तक ‘प्राचीन भारत में नगर तथा नगर-जीवन’ विषय का विशद् एवं रोचक ऐतिहासिक परिचय पहली बार प्रस्तुत किया गया है। इस ग्रन्थ के प्रथम तीन अध्यायों में आज से लगभग साढ़े चार हजार वर्षों पूर्व ताम्राश्म-काल में प्रथम नगरीय सभ्यता का स्वदेशी उद्भव एवं प्रारम्भिक विकास, हड़प्पा एवं मोहनजोदड़ो-सदृश प्रथम नगरों के सन्निवेश का मौलिक स्वरूप, पाश्चात्य समकालीन नगरों की तुलना में उनके निर्माण की उत्कृष्टता, कालान्तर में लौह काल में द्वितीय पुर-क्रान्ति के साथ गांगेय उपत्यका में नगरीकरण की प्रक्रिया का आरम्भ, नगर-सन्निवेश की विकसित शैली तथा नगर-तत्वों के नवीन विकास और समावेश के विवरण प्राप्य हैं। तदुपरान्त चतुर्थ से लेकर ग्यारहवें अध्याय तक देश के लगभग पचास प्रतिनिधि नगरों का तिथिक्रम के अनुसार ऐतिहासिक परिचय, नगर एवं गृह-निर्माण की वैज्ञानिक पद्धति, भारतीय अभियन्ताओं की मौलिक सूझ-बूझ तथा नगर-शासन की विशेषताओं का परिचय उपलब्ध होता है।

बारहवें से पन्द्रहवें अध्याय तक नगरों का आर्थिक जीवन एवं संघटन, सामाजिक, भौतिक एवं सांस्कृतिक जीवन की विशेषताओं का विश्लेषण, प्राचीन भारतीय कला में नगरीय रुपान्कन तथा समग्र परिशीलन का सारगर्भित निष्कर्ष प्राप्य है।

नवीनतम साक्ष्यों के आधार पर इस रचना को अधिकाधिक सज्य बनाने का प्रयास किया गया है। इसका प्रत्येक अध्याय सम्यक् पठनीय तथा नवीन तथ्यों से भरपूर एवं ऋद्ध है। अद्यतन पुरातत्वीय साक्ष्यों से मंडित सटीक चित्रफलक, मानचित्र एवं युक्तियाँ विवेचन को अधिकाधिक प्रामाणिक, रोचक एवं सारगर्भित बनाने के उद्देश्य से यथास्थान संयुक्त हैं। आशा एवं विश्वास है कि अपने वर्तमान स्वरूप में यह ग्रन्थ पहले से अधिक उपादेय एवं अपने अभीष्ट की पूर्ति में सफल सिद्ध हो सकेगा।

More Information
Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 1965
Edition Year 2010, Ed. 3rd
Pages 404p
Translator Not Selected
Editor Not Selected
Publisher Lokbharti Prakashan
Dimensions 21.5 X 14 X 3
Write Your Own Review
You're reviewing:Pracheen Bharat Mein Nagar Tatha Nagar-Jivan
Your Rating
Uday Narayan Rai

Author: Uday Narayan Rai

उदयनारायण राय

जन्म : 1928; ग्राम—बनकटा, जनपद—गोरखपुर (उ.प्र.।

शिक्षा : प्रारम्भिक शिक्षा गोरखपुर से। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से सन् 1951 में एम.ए. एवं डॉक्टर ऑफ़ फ़िलासफ़ी की उपाधि 1957 में। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के ही इतिहास विभाग तथा तदुपरान्त प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग में क्रमानुसार लेक्चरर, रीडर, प्रोफ़ेसर एवं विभागाध्यक्ष। सन् 1989 ई. में अवकाश ग्रहण। 

विशेष : भारतीय इतिहास अनुसन्धान परिषद् के सीनियर रिसर्च फ़ेलो, अगस्त सन् 1989 से। प्राचीन इतिहास संस्कृति एवं पुरातत्त्व विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर इमेरिटस दिसम्बर 1991 से जून 1993 तक।

प्रकाशन : ‘प्राचीन भारत में नगर तथा नगर-जीवन’, ‘शालभञ्जिका’, ‘भारतीय कला’, ‘भारतीय लोक परम्परा में दोहद’, ‘गुप्त-राजवंश तथा उसका युग’, ‘विश्व सभ्यता का इतिहास’, ‘हमारे पुराने नगर’, आदि प्रमुख कृतियाँ हैं। अनेक शोध-पत्र राष्ट्रीय-अन्तरराष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।

पुरस्कार एवं सम्मानोपाधियाँ : ‘मंगलाप्रसाद पारितोषिक’, ‘आचार्य नरेन्द्रदेव पुरस्कार’, ‘इमेरिटस फ़ेलोशिप’, ‘विद्याभूषण सम्मान’ (उत्तर प्रदेश, हिन्दी संस्थान लखनऊ), ‘साहित्य वाचस्पति’ (मानद डी.लिट्.), इलाहाबाद विश्वविद्यालय में लगभग 40 वर्षों तक अनुसन्धान-कार्य का पर्यवेक्षण, अनेक अन्तरराष्ट्रीय संगोष्ठियों में भाग एवं अध्यक्षता, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक प्रसंगों में विदेशी राज्यों का पर्यटन—सोवियत भूमि (रूस), तुर्कमेनिस्तान (अश्काबाद), उज्बेकिस्तान (ताशकन्द), संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, इंग्लैंड, वेल्स, फ़्रांस।

निधन : 16 नवम्बर, 2007

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top