यूनानी दार्शनिक प्लेटो, जिसे भारत में अफ़लातून के नाम से जाना जाता है, के साहित्य सम्बन्धी विचारों से लेकर बीसवीं शताब्दी के ब्रिटिश समीक्षकों के साहित्य सम्बन्धी विचारों तक को समेटने का प्रयास इस पुस्तक में किया गया है और एक अपेक्षाकृत दुरूह समझे जानेवाले विषय को बोधगम्य बनाने का प्रयत्न किया गया है। आशा है, इस पुस्तक को पढ़कर पाठकों को पाश्चात्य समीक्षा के मूल ग्रन्थों को पढ़ने की भी प्रेरणा मिलेगी।
Language | Hindi |
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Binding | Hard Back |
Publication Year | 2019 |
Edition Year | 2019, Ed. 1st |
Pages | 231p |
Translator | Not Selected |
Editor | Not Selected |
Publisher | Lokbharti Prakashan |
Dimensions | 22 X 14 X 1.5 |