Meera Aur Mahatma-Hard Cover

Author: Sudhir Kakkar
Translator: Ashok Kumar
Special Price ₹233.75 Regular Price ₹275.00
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ISBN:9788126710089
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सन् 1925; भारत का स्वतंत्रता संग्राम बिखरी हुई हालत में था, नेताओं के बीच मतभेद पैदा हो रहे थे, और पूरे देश में साम्प्रदायिक वैमनस्य की घटनाएँ हो रही थीं। इस दौरान, सक्रिय राजनीति से अलग-थलग बापू गांधी साबरमती आश्रम में अपने जीवन की सबसे महत्त्वपूर्ण गतिविधि में संलग्न थे। वे आत्मानुशासन, सहनशीलता और सादगी के उच्चतर मूल्यों को समर्पित एक समुदाय की रचना में व्यस्त थे। बापू की इसी दुनिया में पदार्पण हुआ एक ब्रितानी एडमिरल की बेटी मेडलिन स्लेड का जो बाद में मीरा के नाम से जानी गईं।

गांधी के लिए जहाँ वास्तविक आध्यात्मिकता का अर्थ था आत्मानुशासन और समाज के प्रति पूर्ण समर्पण, वहीं मीरा मानती थीं कि सत्य और सम्पूर्णता का रास्ता मानव रूप में साकार शाश्वत आत्मा के प्रति समर्पण में है, और यह आत्मा उन्हें गांधी में दिखाई दी। इस प्रकार दो भिन्न आवेगों से परिचालित इन दो व्यक्तियों के मध्य एक असाधारण साहचर्य का सूत्रपात हुआ।

विख्यात मनोविश्लेषक-लेखक सुधीर कक्कड़ ने बापू और मीरा के 1925 से लेकर 1930 तथा फिर 1940-42 तक के समय को इस उपन्यास का आधार बनाया है, जिस दौरान, लेखक के अनुसार वे दोनों ज़्यादा क़रीब थे। ऐतिहासिक तथ्यों की ईंटों और कल्पना के गारे से चिनी गई इस कथा की इमारत में लेखक ने बापू और मीरा के आत्मकथात्मक लेखों, पत्रों, डायरियों और अन्य समकालीनों के संस्मरणों का सहारा लिया है।

राष्ट्रपिता को ज़्यादा पारदर्शी और सहज रूप में प्रस्तुत करती एक अनूठी कथाकृति।

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Language Hindi
Format Hard Back, Paper Back
Publication Year 2005
Edition Year 2012 Ed. 2nd
Pages 216p
Price ₹275.00
Translator Ashok Kumar
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14 X 1.5
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Sudhir Kakkar

Author: Sudhir Kakkar

सुधीर कक्‍कड़

अंग्रेज़ी के महत्त्वपूर्ण भारतीय लेखक और मनोविश्लेषक।

भारत, यूरोप और अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयों में अध्यापन।

प्रमुख कृयिताँ : ‘द इनर वर्ल्ड’ (1978); ‘शमन्स, मिस्टीक्स एंड डॉक्टर्स’ (1982); ‘वेल्स ऑफ़ लव, सेक्स एंड डेंजर’ (1986); ‘इंटीमेट रिलेशंस’  (1990); ‘द एनालिस्ट एवं द मिस्टीक’ (1992); ‘द कलर्स ऑफ़ वायलेंस’ (1996); ‘कल्चर एंड साइके’ (1997); चुनी हुई रचनाओं का संकलन ‘द इंडियन साइके’ (1996) तथा ‘मीरा एंड महात्मा’ (2004)।

‘द एसेटिक ऑफ़ डिजायर’ उनका प्रथम उपन्यास है जिसका हिन्दी में 'कर्मयोगी' शीर्षक से अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। हिन्दी में अनूदित उनकी अन्‍य कृतियाँ हैं—‘आनन्द वर्षा’ (द एक्सटेसी) और ‘मीरा और महात्‍मा’ (मीरा एंड महात्मा)।

देश-विदेश के विभिन्‍न पुरस्‍कारों से सम्‍मानित।

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