Anand Versha

Author: Sudhir Kakkar
Translator: Kalpna Varma
Edition: 2003, Ed. 1st
Language: Hindi
Publisher: Rajkamal Prakashan
25% Off
Out of stock
SKU
Anand Versha

‘आनन्द-वर्षा’ एक रहस्यवादी के निर्माण और आध्यात्मिक पथ पर उसके आश्चर्यजनक अनुभवों की कथा है। यह दो ऐसे पुरुषों की कहानी भी है जिनका चरित्र एक-दूसरे से बिलकुल अलग है, लेकिन एक निर्णायक मुलाक़ात के बाद जिनके बीच एक दुर्लभ सम्‍बन्ध विकसित होता है। बुजुर्ग मध्वाचार्य जो सम्पूर्ण समर्पण और निर्द्वन्‍द्व भक्ति-भाव में डूबा है, युवा गोपाल का गुरु बनता है, जबकि गोपाल का विकास पश्चिमी तर्कवाद और इस विश्वास के साथ हुआ है कि मनुष्य अपने भाग्य का निर्माता ख़ुद है। गुरु अपने शिष्य का परिचय आत्मा से कराता है और इस प्रकार उसके भीतर एक निहायत ही निजी युद्ध की शुरुआत कर देता है—युद्ध जो भावना और विवेक तथा विश्वास और तर्क के बीच चलता है। इस उपन्यास के विषय में ‘डकन हेराल्ड’ का मत है : “(यह कथा) कई स्तरों पर चलती है। इसमें अनेक रहस्य और व्याख्याएँ निहित हैं जो विचारोत्तेजक हैं, हमारे सामने कई उद्घाटन करती हैं और अन्‍ततः बहुत मानवीय हैं। यह हमें दैवीय के प्रति मनुष्य की चाह का सन्देश देती है। दैवीय जो मनुष्य में ही निहित है।’’ अंग्रेज़ी के प्रख्यात लेखक खुशवंत सिंह के अनुसार यह ‘अत्यन्‍त पठनीय’ पुस्तक है जिस पर ‘सभी गम्‍भीरचेता लोगों को ध्यान देना चाहिए।’

More Information
Language Hindi
Binding Hard Back
Publication Year 2003
Edition Year 2003, Ed. 1st
Pages 164p
Translator Kalpna Varma
Editor Not Selected
Publisher Rajkamal Prakashan
Dimensions 22 X 14.5 X 1.5
Write Your Own Review
You're reviewing:Anand Versha
Your Rating
Sudhir Kakkar

Author: Sudhir Kakkar

सुधीर कक्‍कड़

अंग्रेज़ी के महत्त्वपूर्ण भारतीय लेखक और मनोविश्लेषक।

भारत, यूरोप और अमेरिका के अनेक विश्वविद्यालयों में अध्यापन।

प्रमुख कृयिताँ : ‘द इनर वर्ल्ड’ (1978); ‘शमन्स, मिस्टीक्स एंड डॉक्टर्स’ (1982); ‘वेल्स ऑफ़ लव, सेक्स एंड डेंजर’ (1986); ‘इंटीमेट रिलेशंस’  (1990); ‘द एनालिस्ट एवं द मिस्टीक’ (1992); ‘द कलर्स ऑफ़ वायलेंस’ (1996); ‘कल्चर एंड साइके’ (1997); चुनी हुई रचनाओं का संकलन ‘द इंडियन साइके’ (1996) तथा ‘मीरा एंड महात्मा’ (2004)।

‘द एसेटिक ऑफ़ डिजायर’ उनका प्रथम उपन्यास है जिसका हिन्दी में 'कर्मयोगी' शीर्षक से अनुवाद प्रकाशित हो चुका है। हिन्दी में अनूदित उनकी अन्‍य कृतियाँ हैं—‘आनन्द वर्षा’ (द एक्सटेसी) और ‘मीरा और महात्‍मा’ (मीरा एंड महात्मा)।

देश-विदेश के विभिन्‍न पुरस्‍कारों से सम्‍मानित।

Read More
Books by this Author
New Releases
Back to Top